आज सुबह तमिलनाडु के कुन्नूर में सेना का MI17V5 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस विमान में देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 14 सेना के अधिकारी मौजूद थे.
प्रांरंभिक जानकारी के मुताबिक खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ. इस हादसे में 11 अधिकारियों के शहीद होने की सूचना है. जबकि तीन को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया है. ये पहली बार नहीं है जब सीडीएस बिपिन रावत हादसे का शिकार हुए हों, वाक्या 2015 का है, जब बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर कैश हुआ था.
यह घटना थी 3 फरवरी 2015 की है. उस वक्त बिपिन रावत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नहीं बने थे. बिपिन रावत को सीडीएस साल 2016 में नियुक्त किया गया था. बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस हैं. तब लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत सेना की नगालैंड के दिमापुर स्थित 3-कोर के हेडक्वार्टर के प्रमुख का पद संभाल रहे थे.
दिमापुर से रावत अपने चीता हेलिकॉप्टर में सवार होकर निकले, लेकिन कुछ ऊंचाई पर उनके चॉपर का नियंत्रण खो गया और हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया. बताया जाता है कि हादसे के पीछे इंजन फेल होने का कारण था. हालांकि सीडीएस बिपिन रावत ने मौत को मात दी. उस वक्त उन्हें मामूली चोटें आई थी.
उस वक्त सेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा था कि हेलिकॉप्टर जमीन से कुछ मीटर की ऊंचाई तक ही पहुंच पाया था. इसी दौरान सिंगल इंजन के इस चॉपर में कुछ गड़बड़ी आ गई और इसके दोनों पायलटों का नियंत्रण छूट गया. लेकिन क्रैश में किसी की भी जान जाने की खबर नहीं आई थी. इस घटना में भी वायुसेना ने उच्चस्तरीय जांच बिठाई थी. पूरे देश को इस बार भी उम्मीद हैं कि विपिन रावत इस बार भी मौत को मात देंगे और उनके इलाज के दौरान जल्द स्वस्थ्य होने की पूरे देश में दुआएं की जा रही है.