रायपुर. बीजेपी के उच्चस्थ सूत्रों के मुताबिक राज्य का बीजेपी संगठन शिक्षाकर्मियों के संविलियन के पक्ष में है. सूत्रों के मुताबिक इस बात को लेकर प्रदेश बीजेपी संगठन के बड़े नेता इस बात पर सहमत हैं कि शिक्षाकर्मियों का संविलयन होना चाहिए. इसे लकेर पार्टी के अंदर चर्चाएं तेज़ हो गई हैं. दरअसल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अपने शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा के बाद मनोवैज्ञानिक रुप से राज्य की बीजेपी सरकार पर मनोवैज्ञानिक दबाव पड़ने लगा है कि यहां भी शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया जाए.

इसी दबाव का एहसास बीजेपी संगठन को ज़्यादा हो रहा है. संगठन चुनावी तैयारियों के लिए मैदान में है जहां उसे इस सवाल का जवाब देने में सबसे ज़्यादा कठिनाई आ रही है. संगठन को ये भी लग रहा है कि अगर चुनाव से पहले मध्यप्रदेश की तर्ज पर इसकी घोषणा हो गई तो बीजेपी की चौथी पारी की राह आसान हो जाएगी.

सूत्रों के मुताबिक इस सिलसिले में संगठन सत्ता से चर्चा भी कर चुका है. सूत्रों के मुताबिक सरकार की चिंता शिक्षकों के नियमितीकरण से पड़ने वाले वित्तीय बोझ पर है. इस मसले पर संगठन और सत्ता के बीच चर्चा हो चुकी है. लेकिन अब चूंकि प्रदेश में स्थाई शिक्षकों की संख्या काफी कम हो चुकी है. लिहाज़ा क्या उनके रिटायर होने से जो वित्तीय भार हल्का हो रहा है. क्या उसमें शिक्षाकर्मियों के संविलियन का विकल्प खोला जा सकता है.

सूत्रों के मुताबिक मध्यप्रदेश की घोषणा के बाद सत्ता के मुखिया से एक और दौर की बातचीत कर कोई रास्ता निकलवाने की कोशिश कर सकती है.