करण मिश्रा,ग्वालियर। मध्यप्रदेश में पहली बार आज ग्वालियर में ड्रोन मेले का आयोजन किया गया। आज से शुरू हुए ड्रोन मेले में कई ड्रोन निर्माता कंपनियां शामिल हुईं हैं। मेले के आयोजन का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में ड्रोन के साथ तकनीक का प्रयोग किसानों को किस तरह मालामाल बना सकता है। अभी तक किसान फसलों को नुकसान से बचाने के लिए परंपरागत तरीके से कीटनाशक और दवाओं का छिड़काव करते हैं,लेकिन दूसरी तरफ कई किसान इसके लिए तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं और आधुनिक तरीके अपना रहे हैं। जिसमें वे ड्रोन की भी मदद ले रहे हैं। यही कारण है कि ड्रोन किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित हो रहा है। इसी उद्देश्य को लेकर मध्यप्रदेश में पहली बार ग्वालियर में ड्रोन मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेले का शुभारंभ करने पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ड्रोन टेक्नीक को नई क्रांति बताते हुए प्रदेश में 5 ड्रोन स्कूल खोलेने का ऐलान किया। यह ड्रोन स्कूल मध्यप्रदेश के ग्वालियर, भौपाल, इंदौर, जबलपुर और सागर में खोले जायेंगे।

देश में एक नए क्रांति की शुरुआत
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा आज से हमारे देश में एक नई क्रांति की शुरुआत हो रही है। यह ड्रोन हमारे देश मे ट्रांसपोर्ट के लिए रीड की हड्डी साबित होगा।जहां मनुष्य नहीं सकता वहां अब ड्रोन पहुंचेगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा गांव की मैपिंग,बॉर्डर पर रक्षा,किसान का मददगार, पहाड़ी इलाकों में दवाईओं का ट्रांसपोर्ट सहित अलग अलग क्षेत्र में कारगर साबित होगा। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देशभर में नए नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं। और इनमें से यह ड्रोन एक टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित करेगा।

किसानों के लिए कारगर साबित होंगे
ड्रोन परंपरागत खेती के तरीकों को आसान बनाने के लिए 30 लीटर की क्षमता वाले ड्रोन का मेले में प्रजेंटेशन भी दिया। यह ड्रोन एक बार टंकी फुल करने पर 1 एकड़ जमीन में बड़ी आसानी और सटीकता से कीटनाशक और पेस्टीसाइड का छिड़काव कर सकते हैं। इसके अलावा मेले में ऐसे कई ड्रोन भी शामिल किए गए हैं जो कृषि के क्षेत्र में किए जाने वाले अन्य कार्यों जैसे बीज डालने या दूसरी कई चीजों में किसान मित्र साबित हो सकते हैं। मेले में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि यह ड्रोन कृषि के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित करेगा। इस ड्रोन के माध्यम से देशभर के किसान आधुनिक खेती की ओर जाएंगे। इसके साथ उन्होंने कहा पॉलिसी ना होने के कारण टेक्नोलॉजी का उपयोग होता था लेकिन अब धीरे धीरे आगे बढ़ रहे है। देश के इलाकों में ड्रोन का महत्वपूर्ण उपयोग टिड्डी मारने के लिए कारगर साबित होगा। ड्रोन का उपयोग देश मे नई क्रांति का उपयोग के रूप में होगा।अब कृषि के क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग करके किसान नया आयाम कायम करेंगे।इसके पायलेट प्रोजेक्ट किये जा रहे है।

अभी किसानों के लिए ड्रोन खरीदना एक बड़ी चुनौती
ड्रोन न्यू टेक्नोलॉजी के गैजैट्स हैं यही कारण है कि अभी ड्रोन खरीदना आम किसान के लिए संभव नहीं है। क्योंकि टेक्नोलॉजी नई होने की वजह से ये काफी महंगे हैं। देश का आम किसान इन्हें आसानी से नहीं खरीद सकता। लेकिन मेले में किसानों की यह परेशानी दूर करने के लिए ड्रोन कंपनियां किसानों को किराए पर लोन उपलब्ध कराने की स्कीम भी लॉंच करेंगी। इसके साथ ही बड़े किसानों को ड्रोन खरीदकर खेती किसानी के कामों में इसके इस्तेमाल को लेकर भी प्रोत्साहित किया जाएगा। किसानों को यह पसंद आने के बाद किसानों के लिए यह लोन, या सरकार के द्वारा सब्सिडी के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा।

अलग-अलग प्रकार के ड्रोन की अलग अलग भूमिका
कृषि के साथ साथ दूसरे क्षेत्रों में भी ड्रोन का उपयोग कैसे किया जा सकता है मेले में आए विशेषज्ञ इस बारे में बताया। मेले में विद्यार्थियों द्वारा डिजाइन किए गए ड्रोन के प्रदर्शन के साथ ही मेले में आए ड्रोन की नई तकनीक के बारे में जानकारी लेकर स्टूडेंट्स इसका उपयोग अपनी रिसर्च में भी कर पाएंगे। अन्य विभागों जैसे लैंड रिकॉर्ड या जमीन के नक्शे तैयार करने में भी ड्रोन की उपयोगिता देखी गई है। पुलिस सर्विलांस में उपयोग होने वाले ड्रोन्स भी मेले में प्रदर्शित किए गये।