अजयारविन्द नामदेव,शहडोल। डिजिटल इंडिया के इस युग में लोग चांद पर घर बनाने के लिए जमीन खरीदी कर रहे हैं, वहीं इसके विपरीत मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में कई गांव हैं जहां के लोग आज भी लालटेन युग में जी रहे हैं। ऐसे गांव के ग्रामीण बिजली से चलने वाले आधुनिक सुविधाओं वाली चीजों टेलीविजन, मोबाइल, कम्प्यूटर से अनजान है। यहां के लोग आज भी लालटेन युग चिमनी व ढिबरी के सहारे में जीने को मजबूर है। जिले के गोहपारू ब्लॅाक के ग्राम पंचायत खन्नौधी के ग्राम गांडा बहरा में आज तक बिजली नहीं पहुंची है।
मामला शहडोल जिला मुख्यालय से महज 40 किलो मीटर दूर स्थित गोहपारू ब्लाक के ग्राम पंचायत खन्नौधी के ग्राम गांडा बहरा का है। यहां के लोगों को बिजली नहीं होने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। गेंहू पिसाने से लेकर मनोरंजन के साधान उन्हें नसीब नहीं है। रात को बच्चों को पढऩे के लिए भी लालटेन का सहारा लेना पड़ता है। गांव में शाम होते ही ग्रामीणों को जंगली जानवरों के खौफ से घरों में कैद कर लेते हैं। सबसे बुरा हाल स्कूल में पढऩे वाले बच्चों का है जिन्हें शाम ढलने के बाद चिमनी और लालटेन के सहारे पढऩा पढ़ता है। छात्रों का कहना है कि उनका भविष्य अन्धकार में है। ग्रामीणों की मानें तो बिजली की समस्या से स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है। आज तक गांव में बिजली नहीं पहुंची है।
दो सौ की आबादी है गांव की
खन्नौधी पंचायत के ग्राम गाड़ा बहरा में लगभग 50 से अधिक घर है। यहां की आबादी 2 सौ से अधिक है। लोगों के घरों के ऊपर से 11 केवी की लाइन गई हुई है। गाड़ा बहरा से महज आधा किलोमीटर दूर स्थित झलांगी के एक अकेले घर के लिए ट्रांसफार्मर लगाकर बिजली उपलब्ध कराई गई है। जबकि सैकड़ों की आबादी वाले क्षेत्र में आज तक बिजली नहीं पहुंची है। ग्रामीणों का कहना है कि इस संबंध में बिजली विभाग के अधिकरियों से शिकायत की जा चुकी है। विभाग के अधिकारी खंभें लगाने के लिए 60 हजार रुपए जमा कराने के नाम पर गुमराह कर रहा है। बिजली के लिए ग्रामीण बिजली विभाग के अधिकारी सहित जिला मुख्यालय में जन सुनवाई में भी कई बार शिकायत कर चुके है। इतना नहीं ग्रामीणों सीएम हेल्प लाइन में भी शिकायत कर चुके है। उनकी शिकायत लंबित है। ग्रामीण विधायक से भी बिजली के लिए गुहार लगा चुके हैं।
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