शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के गोविंदपुरा स्थित कस्तूरबा नगर में दंबगों से परेशान एक परिवार पानी की टंकी पर चढ़ गया था. अपनी मांग पर परिवार के 5 सदस्य 24 घंटे तक टिके रहे. पुलिस-प्रशासन की कड़ी मशक्कत और एडिशनल डीसीपी की समझाइस के बाद पानी टंकी से परिवार नीचे उतार गया. अश्वासन दिया गया है कि जमीन पर कब्जा करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.
रायसेन जिले के रहने वाला रीतेश गोस्वामी (47 वर्ष) अपनी पत्नी और 3 बच्चों के साथ शनिवार शाम 5 बजे से पानी की टंकी पर चढ़ा हुआ था. वो अपने साथ खाने-पीने का पूरा सामान रखा है. जिला और पुलिस प्रशासन की टीम घटना स्थल पर मौजूद थी, लेकिन कड़ी मशक्कत के बावजूद परिवार को नीचे नहीं उतार पर रही थी. पुलिस को 24 घंटे बाद नीचे उतार पाने में सफलता मिली है.
पीड़ित रीतेश गोस्वामी का कहना है कि भोजपुर स्थित 5 एकड़ जमीन पर धनंजय सिंह चौहान नाम के व्यक्ति ने कब्जा कर लिया है. उसे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है. पुलिस प्रशासन और तहसील से भी मदद मिलती है. पुलिस खुद उसकी गाड़ी पर बैठकर खेत में पहुंचती है और मुझे पकड़कर नदी में फेंक दिया जाता है. इस तरह की घटना मेरे साथ दो तीन बार हो चुकी हैं. वह मेरी पैतृक संपत्ति है.
उसका कहना है कि यदि पुलिस प्रशासन से मदद मांगा जाता है, तो मुझे उल्टा डांट कर फर्जी केस में फंसा देने की धमकी दी जाती है. पहले भी पानी टंकी पर चढ़ा, जब पानी टंकी से उतारा गया था, तो मेरा कुछ भी काम नहीं हुआ. मेरी कोई सुनवाई नहीं की गई. अब इस पानी टंकी से नीचे उतरवाने के लिए आश्वासन दिया गया है कि उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. उसकी गिरफ्तारी की जाएगी. फिर भी नया नहीं मिला, तो मंत्रियों के शरण में पहुंचूंगा.
एडिशनल डीसीपी राजेश भदौरिया का कहना है कि रीतेश गोस्वामी की जो मांग थी, उसे पूरा करने का आश्वासन दिया गया है. जिससे वह दोबारा टंकी पर ना चढ़े. घटना रायसेन जिले का है और जमीनी विवाद से जुड़ा हुआ है. वहां के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है, वह इस पर कार्रवाई करेंगे. पीड़ित की मांगों पर कार्रवाई की जाए. इस तरह टंकी पर चढ़कर अपनी मांग पूरा करवाना गलत है. विधि सम्मत तरीके से अपनी बात रखें. जिस पर जांच कर कार्रवाई की जाए.
बता दें कि रीतेश गोस्वामी कई बार शासन-प्रशासन से गुहार लगा चुका है, लेकिन समस्या का हल होने के बजाय उसे और प्रताड़ित किया जाता है. इससे पहले जब वह पानी की टंकी पर चढ़ा था, तब भी उसे सिर्फ आश्वासन देकर बहला-फुसलाकर नीचे उतार दिया था. उस बात को भी 3 महीने से ज्यादा हो गया है, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हुआ है. इसलिए वो दोबारा अपनी मांग पूरा करवाने पानी टंकी पर चढ़ गया था. अब देखना यह होगा कि उसकी मांग पर क्या कुछ कार्रवाई की जाती है ?
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