बस्तर. जब भी छत्तीसगढ़ के बस्तर का जिक्र होता है, तो सबसे पहले लोगों के जहन में नक्सल समस्या की बात आती है. लेकिन, यहां की कला को लोग आज भी नहीं पहचान पाते हैं. बस्तर की कई बेटियां ऊची चोटी से लेकर बॉलीवुड तक अपनी पहचान बना चुकी है, इसके अलावा अब बस्तर की एक बेटी अमेरिका में अपनी प्रतिभा दिखाएंगी. अमरीका की कंपनी उबर ने इस साल 2.8 करोड़ का जॉब ऑफर किया है. जिसमें से एक जगदलपुर की बेटी मुस्कान भी है.
बता दें कि मुस्कान IIT कानपुर में मैकेनिकल और कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर की पढ़ाई कर रही हैं. उबर को वे जुलाई 2022 में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर ज्वाइन करेंगी. मुस्कान फिलहाल जगदलपुर पहुंची हुई हैं. यहां पहुंचने पर उनका एयरपोर्ट पर परिवार और दोस्तों ने जोरदार स्वागत किया है. इसी दौरान मुस्कान ने लल्लूराम से अपनी इस उपलब्धि के अनुभव को साझा किया है.
मुस्कान ने बताया कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि विदेश से जॉब का ऑफर मिलेगा. लेकिन IIT में पढ़ने के कारण मुझे यह अवसर मिला है, उससे मैं बहुत एक्साइटेड हूं. इंजीनियरिंग को लेकर मेरी शुरू से इच्छा रही है, कि मैं कुछ एक्सप्लोर करूं. मेरा यह सपना अब पूरा हो रहा है. मुझे वहां पर मैकेनिकल ब्रांच अलॉट किया गया. ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में मैं कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर की पढ़ाई भी कर रही हूं. इसी सब्जेक्ट के आधार पर उबर के साथ मेरा 8 घंटे तक इंटरव्यू चला. इसके बाद कंपनी ने मुझे अमरीका में जॉब ऑफर किया.
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देश का दूसरा सबड़े बड़ा पैकेज मिला है. इस सवाल का जवाब देते हुए मुस्कन ने कहा कि यह मेरे लिए एक बड़ी उपलब्धि है. कंपनी ने जब मुझे इतना बड़ा पैकेज ऑफर किया तो मुझे भी विश्वास नहीं हुआ, लेकिन अब मैं इसी पैकेज के साथ 2022 जुलाई में कंपनी को ज्वाइन करने जा रही हूं. मैं शुरू से ही कुछ नया करना चाहती थी, घर में माहौल भी वैसा ही मिला. बचपन में जब पापा रिमोट कार लाकर देते थे, तो मैं उसे पूरी तरह खोल कर उस पर प्रयोग करती थी. इसलिए मैं चाहती थी कि मैकेनिकल इंजीनियर बनकर कुछ बेहतर करूं.
फिलहाल देश से बाहर जा रही हूं, लेकिन मैं वापस देश लौटूंगी तो यहां एजुकेशन और जेंडर इक्वालिटी पर काम करूंगी. मेरे परिवार में मेरे दादाजी इंद्रमणी गर्ग और दादी शांति देवी गर्ग की इच्छा थी कि बेटी कुछ अच्छा करे. उनसे मिली प्रेरणा से मेरे पापा अनिल गर्ग व माता उमा गर्ग ने मुझे मोटिवेट किया. मेरी बड़ी बहन डॉ. अर्पिता गर्ग मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में सेवा दे रही हैं और भाई निखिल गर्ग प्रोडक्ट डिजाइनर हैं. मुझे इनसे भी प्रेरणा मिली. मेरे गुरुजनों का भी मेरी सफलता में बहुत बड़ा योगदान है. अगर सही दिशा में मेहनत की जाए तो सफलता जरूर मिलती है. असफलता से कभी भी हताश होने की जरूरत नहीं है. असफलता के बाद ही सफलता की राह खुलती है.
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बस्तर में भी पिछले कुछ सालों से यहां के युवा एजुकेशन में बेहतर कर रहे हैं. वे देश-विदेश में जाकर बस्तर का नाम रोशन कर रहे हैं. इंटरनेट का बेहतर इस्तेमाल करके ग्रामीण इलाके के युवा भी प्रतियोगी परीक्षाओं के नोट्स हासिल कर सफलता प्राप्त कर सकते हैं. बस्तर में भी शिक्षा का अच्छा माहौल है, पर आपको प्लानिंग के साथ कड़ी मेहनत करनी होगी. पहले मुझे भी लगता था कि यहां बेहतर माहौल बनाने की जरूरत है, पर IIT कानपुर में पढ़ने के दौरान देशभर के कई साथियों से चर्चा हुई, तो मुझे यह लगा कि अन्य स्थानों की तरह बस्तर में भी पढ़ाई का स्तर ठीक है.
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