शब्बीर अहमद, भोपाल। कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा के साथ कांग्रेस आदिवासी विधायकों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस आदिवासी विधायकों ने कहा कि हमें आदिवासियों को आदिवासी स्थल पर भी सरकरा जाने नहीं दे रही है। रानी कमलापति (Rani Kamalapati) का गिन्नौरगढ़ महल को भी देखने से रोका जा रहा है। ये एट्रोसिटी एक्ट (atrocity act) का उल्लंघन है।
आदिवासी विधायक ओमकार मरकाम और कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में रानी कमलापति का गिन्नौरगढ़ महल खंडहर हो रहा है।
विधानसभा सत्र में महल का मुद्दा रखने के लिए कमलनाथ के निर्देश में हम लोगों की कमेटी बनाई गई थी। महल की रिपोर्ट तैयार कर विधान सभा में पेश करेंगे। वहीं सरकार हमें वहां जाने से रोक रही है। टाइगर मूमेंट बताकर हमारी कमेटी को महल जाने से रोका जा रहा है। लिखित इजाजत मांगी तो वो भी देने से इंकार कर दिया गया। शिवराज सरकार आदिवासियों को आदिवासी स्थल पर नहीं जाने दे रही है। यह एट्रोसिटी एक्ट का उल्लंघन है। मौजूदा सरकार आदिवासी वर्ग के सिर्फ़ वोट बटोरने के लिए राजनीति कर रही है।
आदिवासी कांग्रेस विधायक ओमकार मरकाम (MLA Omkar Markam) ने रानी कमलापति के नाम पर भी बीजेपी पर सवाल उठाए। मरकाम ने बीजेपी पर इतिहास के साथ छेडछाड़ करने का भी आरोप लगाया। ओमकार मरकाम ने कहा कि रानी कमलापति का नाम रानी कमलावती है। जैसे हमारी समाज में रानी दुर्गावती थी। वैसे ही रानी कमलावती हैं।
जानिए क्या है एट्रोसिटी एक्ट
यह अधिनियम का उद्देश समाज में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजातियों के लोगों पर होने वाले अत्याचारों को रोकना है। जैसे कि उनका बहिष्कार करना, उनसे अस्पृश्यता का स्वभाव रखना। अनेक ऐसे कार्य है जो मानव गरिमा को कलंकित कर सकते हैं। इन कार्यों को रोकने के उद्देश्य से ही भारत की पार्लियामेंट में अधिनियम को पारित किया है।
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