शब्बीर अहमद,भोपाल। हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को सैन्य और राजकीय सम्मान से अलविदा किया गया. वरुण सिंह का बैरागढ़ के मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार कर दिया गया है, वो पंचतत्व में विलीन हो गए हैं. छोटे भाई तनुज सिंह ने उन्हें मुखाग्नि दी. नेताओं, अधिकारियों और आम लोगों ने नम आंखों से वरुण सिंह को अंतिम विदाई दी.

नम आंखों से ग्रुप कैप्टन को अंतिम विदाई: आखिरी सफर पर निकले वरुण सिंह, दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर, CM शिवराज ने दी श्रद्धांजलि

वरुण सिंह का अंतिम सफर का रूट 6 किलोमीटर का था. पूरे रास्ते लोग भारत माता की जय, वरुण सिंह अमर रहें के नारे लगाते चले. राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. लालघाटी विश्राम घाट में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सैन्य अधिकारियों और मंत्रियों ने भी शहीद वरुण सिंह को श्रद्धांजलि दी.

इससे पहले ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का पार्थिव शरीर सेना के प्लेन से गुरुवार को भोपाल लाया गया था. मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री-विधायकों ने कैप्टन को श्रद्धांजलि दी थी. यहां से पार्थिव शरीर को सेना के वाहन से भोपाल स्थित सन सिटी कॉलोनी में उनके घर ले जाया गया था. वरुण सिंह की मां ने बहू के कंधे पर हाथ रखकर कहा था कि तुम सबसे बड़ी वीरांगना, बहादुर बेटी हो. इसके बाद पार्थिव देह मिलिट्री हॉस्पिटल में बने मोर्चरी हाउस में रख दी गई थी.

शौर्य चक्र से सम्मानित हुए थे वरुण

रिपोट्र्स के मुताबिक साल 2020 में एक हवाई इमरजेंसी के दौरान अपने एलसीए तेजस लड़ाकू विमान को बचाने के लिए वरुण सिंह को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है. इस साल के स्वतंत्रता दिवस पर कैप्टन को इस सम्मान से नवाजा गया था.

शहीद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का इंदौर से रहा पुराना नाता, वर्ष 2008 में शहर की गीतांजलि से हुई थी लव मैरिज

यूपी के रहने वाले हैं वरुण सिंह

वरुण सिंह उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की रुद्रपुर तहसील के खोरमा कन्हौली गांव के रहने वाले हैं. डीएसएससी में पदस्थ होने के चलते उनका पूरा परिवार तमिलनाडु में रहता है. ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, कांग्रेस नेता और प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह के भतीजे हैं.  कैप्टन वरुण सिंह के पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह भोपाल के एयरपोर्ट रोड स्थित सन सिटी कॉलोनी में रहते हैं.

हेलीकॉप्टर कैश में 14 लोगों की गई जान

बता दें कि तमिलनाडु में कुन्नूर के जंगलों में 8 दिसंबर को दोपहर 12.20 बजे सेना का एमआई -17वी 5 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था. घने जंगलों में हुए इस हादसे के बाद हेलीकॉप्टर में आग लग गई. इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएम) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत सेना के 14 अफसर सवार थे. इस हादसे में कैप्टन वरुण को मिलाकर कुल 14 लोगों की मौत हो गई.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus