रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 18 दिसंबर को बाबा गुरू घासीदास की जयंती के एक दिन पूर्व राजधानी रायपुर के न्यू राजेन्द्र नगर में आयोजित सार्वजनिक गुरू घासीदास जयंती समारोह में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि मानव जाति के उत्थान में संत बाबा गुरू घासीदास जी का जीवन अनुकरणीय है. हम सभी को उनके बताए ’मनखे-मनखे एक समान’ के संदेश को जीवन में उतारने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सत्य के रास्ते में चलकर मानवता के हित में काम करना चाहिए. साधु-संतों और महापुरूषों के बताए रास्ते पर चलकर छत्तीसगढ़ सरकार के आज 3 साल पूरे हो रहे हैं. बाबा गुरुघासीदास जी का आशीर्वाद है कि उन्हें छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा का सौभाग्य प्राप्त हुआ. उनके ही आशीर्वाद से सभी लोगों के कल्याण और छत्तीसगढ़ के विकास के कार्य किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यहां जैतखाम की पूजा अर्चना की और आरती में भाग लिया. समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री बघेल को प्रतीक स्वरूप जैतखंभ स्मृति चिन्ह भेट किए. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर राजेन्द्र नगर स्थित सामाजिक भवन में पुस्तकालय और कम्प्यूटर के लिए 50 लाख रूपए देने की घोषणा की.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि बाबा गुरू गुरुघासीदास जी ने शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ ही समता रूपी समाज के निर्माण और सबके उत्थान की दिशा में काम किया. उनके संदेश को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है. छत्तीसगढ़ सरकार का प्रयास है कि सबकों समान न्याय मिले. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य प्रदेशों में भी गुरू पर्व का वातावरण बन गया है. मेरा सौभाग्य है कि मैं बाबा के आशीर्वाद से आज बाबा के दर्शन के लिए उपस्थित हो पाया हूँ. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में लक्ष्य के अनुसार धान की खरीदी चल रही है. प्रतिदिन लगभग डेढ़ लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो रही है. धान खरीदी के मात्र 15 दिनों में ही एक चौथाई धान की खरीदी हो गई है. यह बाबा गुरुघासीदास जी की कृपा है कि प्रदेश में धान खरीदी के लिए बारदाने सहित अन्य कई संकट और चुनौतियों के बावजूद भी निर्बाध रूप से धान खरीदी हो रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण कुछ काम जरूर प्रभावित हुए हैं. मेरे द्वारा की गई घोषणा के आधार पर बजट पास हो गया है. जो भी कार्य है वह शीघ्र प्रारंभ हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार हर समस्या के समाधान के लिए पूरी तरह तैयार हैं. सतनामी समाज के लोगों ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को गजमाला पहनाकर आत्मीय स्वागत किया.
कार्यक्रम में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के.के.वर्मा, गुरु घासीदास साहित्य और संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष के पी खांडे, डॉ. जे. आर. सोनी, डी. एस. पात्रे, शकुन डहरिया, टामन सिंह सोनवानी, एल. एल. कोसले, एच.आर. रात्रे सहित सर्वश्री सुंदर जोगी, सुंदर लहरे, चेतन चंदेल, बबलू त्रिवेन्द्र सहित बड़ी संख्या में उपस्थित थे.