अंबिकापुर. सरगुजा का गौठान अब केवल गोबर खरीदी और वर्मी कम्पोस्ट बनाने तक सीमित नही रह गया है, यहाँ के गौठानो में काम कर रही राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जुड़ी हुई स्व सहायता समूह की महिलाओं ने जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में उद्यान विभाग से जुड़कर बागवानी में नज़ीर पेश करने का काम किया है.

सरगुजा में स्व सहायता समूह से जुड़ी हुई महिलाएं परम्परागत खेती से आगे बढ़कर अब उन्नत कृषि तकनीक से जुड़ रही है, गौठानो में इन्हें उन्नत बागवानी से जोड़ने के लिए उद्यान और कृषि विभाग द्वारा ड्रीप सिंचाई और मल्चिंग जैसी आधुनिक सुविधा प्रदान की गई है.

पहले शकरकंद, मूंगफली और जिमीकन्द की खेती और अब टमाटर, लौकी, मूली, करेला और आलू का उत्पादन कर न केवल गौठान बल्कि स्वयं की आजीविका के लिए एक नया द्वार खोला है.

जिले के 14 मॉडल गौठानो में स्व सहायता समूह की महिलाएं उद्यान विभाग से जुड़कर आधुनिक बागवानी सिख रही हैं. जिला प्रशासन के निगरानी में उद्यान विभाग, कृषि विभाग और बायोटेक लैब के तकनीकी अधिकारियों के मार्गदर्शन से जुड़कर महिलाएं अब ड्रीप ऐरिगेशन और मल्चिंग जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर सब्जियों का उत्पादन कर रही है.