लखनऊ. भाजपा के यूपी विधानसभा चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि शौचालय और मुफ्त गैस कनेक्शन की उज्जवला योजना से बड़ा बदलाव आया है. लेकिन प्रियंका को यह समझ में नहीं आ रहा है. क्योंकि न तो वे गांव को समझती हैं और न ही गरीब को जानती हैं.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्राधन सोमवार को एक कार्यक्रम बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘आजाद भारत की दो सबसे प्रभावशाली शौचालय और मुफ्त गैस कनेक्शन वितरण की उज्जवला योजना है. इससे बड़ा परिवर्तन आया है, लेकिन कांग्रेस की प्रियंका गांधी जी को यह बदलाव नहीं समझ आता है, क्योंकि न तो वे गांव को समझती हैं और न ही गरीब को जानती हैं. इन दोनों ही योजनाओं ने देश के सामाजिक ढांचे में बड़ा ही सकारात्मक बदलाव किया है.’

उन्होंने कहा कि वे कहती हैं कि टॉयलेट और गैस सिलेंडर देने से महिला सशक्तिकरण नहीं होता. उन्हें उन महिलाओं का दर्द, पीड़ा और शर्म का अहसास नहीं, जिन्हें शौच के लिए जाने के लिए सूर्यास्त से पहले और सूर्यास्त के बाद के अंधेरे का इंतजार करना पड़ता था. उनका वास्ता जमीनी हकीकत से नहीं है, इसलिए ही वे ऐसा बोलती हैं.

प्राधन ने कहा कि हमने इन योजनाओं की शुरुआत यूपी से की थी, यहां हमारी सरकार नहीं थी लेकिन हमें यह पता था कि यूपी का सामाजिक परिवेश बदलेगा तो इसका संदेश पूरे देश में जाएगा. कठिनाइयां भी थीं और सवाल भी लेकिन हमने शुरूआत की और सफल रहे. हमने यूपी में केंद्र सरकार की सभी गरीब कल्याण की योजनाओं को सफलता पूर्वक जमीन पर उतारने का काम किया है.

उन्होंने कहा कि ‘बैंकिंग व्यवस्था पहले भी थी, डिजिटल पेमेंट व नवीन माध्यमों से भुगतान 10 साल पहले भी होता था, लेकिन मोदी जी की सरकार ने इसका लाभ आम जनता, गरीब लोग, वंचित जन को कैसे मिले इसका रास्ता निकाला और गरीब के खाते में सीधे मदद गई. हमने बिचौलिया राज खत्म किया, जिससे सरकार की पूरी मदद आज गरीब जनता को मिल रही है. हमने परसेप्शन बदला है, आज यह सबको महसूस भी होता है.

कोरोना में हमने रिवर्स माइग्रेशन देखा. बहुत से लोग विपदा में देश के विभिन्न हिस्सों से अपने घर यूपी आए, कुछ वापस गए और बहुत लोग यहां रुक गए. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि यूपी बदल गया है. कितने ही नए मेडिकल कॉलेज बन गए, यूपी एक्सप्रेस वे स्टेट बन गया है. पर्यटन, एक जिला एक उत्पाद और गरीब कल्याण की अनेक योजनाओं से रोजगार सृजन के बहुत से नए माध्यम बन गए हैं. पिछले 5 सालों में जितना काम हुआ है उतना कभी नहीं हुआ. आज सवाल वे लोग कर रहे हैं जिन्होंने यूपी को पीछे धकेलने का काम किया था, विकास को रोका था.