चंडीगढ़। किसान मजदूर संघर्ष समिति (KMSC) ने आज अपनी मांगों को लेकर पंजाब में राज्यव्यापी रेल रोको अभियान शुरू कर दिया है. समिति के सदस्य जगह-जगह रेलवे ट्रैक पर बैठ गए हैं, जिसके कारण रेल यातायात पर असर पड़ा है. इसकी वजह से रेल यात्रियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बाद किसानों ने जहां कुछ टोल प्लाजा को छोड़कर पंजाब से अपने पक्के मोर्चे तो हटा लिए हैं, लेकिन रोल रोको अभियान को शुरू किया है. पंजाब में किसानों ने 4 जगहों पर रेलवे ट्रैक जाम कर दिए हैं. इनमें अमृतसर-ब्यास रेल मार्ग पर जंडियाला-मानावाला ट्रैक, जालंधर-पठानकोट रेल मार्ग, टांडा उड़मुड़ फिरोजपुर ट्रैक और अमृतसर-खेमकरण रेल मार्ग तरनतारन शामिल हैं. यात्रियों को परेशानी न हो, इसके लिए रेलवे ने कुछ रूट डायवर्ट किए हैं.

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रेल रोको आंदोलन ने राज्य सरकार की परेशानी बढ़ाई

किसानों के रेल रोको आंदोलन ने राज्य सरकार की परेशानी बढ़ा दी है. ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित होने से उद्योगों को माल ढुलाई में करोड़ों का नुकसान हो सकता है. आंदोलन को देखते हुए फिरोजपुर के स्टाफ विभाग के कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. केएमएससी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसान केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानून का रद्द कराने में सफल रहे हैं. किसानों की अभी भी कई मांगे हैं, जिन्हें उठाए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हम किसानों और मजदूरों की 100 प्रतिशत ऋण माफी, मुआवजा के साथ कृषि संघर्ष के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी, साथ ही गन्ने के बकाया का भुगतान चाहते हैं. पंढेर ने कहा कि इन मांगों को लेकर हमने आज से रेल रोको आंदोलन शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि अभी केएमएससी अकेले ही पूरे राज्य में आंदोलन शुरू कर रही है और अगली घोषणा तक रेल रोको जारी रहेगा. पंढेर ने दावा किया कि बड़ी संख्या में कृषि महिलाओं ने रेल रोको कार्यक्रम में हिस्सा लिया है. उन्होंने कहा कि हमने पंजाब से आंदोलन शुरू होकर अन्य राज्यों में भी फैल सकता है.