लखीमपुर खीरी. लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. कोर्ट ने दूसरी बार भी मोदी के मंत्री यानी गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. सेशन्स कोर्ट ने आज आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. अदालत ने कहा कि जमानत याचिका में कई जरूरी जानकारियां नहीं दी गई थीं. सेशन्स कोर्ट द्वारा जमानत अर्जी खारिज होने के बाद एक बार फिर से आशीष को अर्जी देनी होगी.
बता दें कि इससे पहले कोर्ट ने सह आरोपी अंकित दास समेत पांच की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी थी. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार आशीष पर लगी धाराओं को देखते हुए कोर्ट ने साफ कर दिया है कि फिलहाल आशीष मिश्रा को जमानत नहीं दी जा सकती. आशीष मिश्रा पर पहले एक्सीडेंट की धाराओं में केस दर्ज किया गया था. उस समय मर्डर के साथ ही गैर इरादतन हत्या की एक धारा लगी थी. आशीष के वकील कोर्ट में यह साबित करने की कोशिश कर रहे थे कि यह सिर्फ एक एक्सीडेंट था. किसानों के हमले की वजह से आशीष वहां से बचकर भाग निकले थे. भागने की कोशिश के दौरान ही कुछ किसान कुचल गए. इसी वजह से किसानों की मौत हो गई, लेकिन कोर्ट ने वकील के इस तर्क को माना ही नहीं और कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी.
आशीष मिश्रा को जेल भेजे जाने के बाद से मंत्री पुत्र को कोई राहत नहीं दी गई है. हालांकि आशीष मिश्रा के पिता मंत्री अजय मिश्रा कई बार जमानत की कोशिश की. बाद में आशीष के ऊपर से एक्सीडेंट की धारा हटाकर धारा 302 लगा दी गई. पुलिस ने कोर्ट से कहा कि यह एक सोची समझी साजिश थी. आशीष मिश्रा पर आरोप लगाया गया कि किसानों को जानबूझकर षड्यंत्र के तहत मारा गया था. इसके बाद कोर्ट ने धाराएं बदल दीं. आशीष मिश्रा की तरफ से कोर्ट में दी गई एप्लीकेशन पुरानी धाराओं में थी, लेकिन धाराएं बदले जाने के बाद एक बार फिर नए सिरे से एर्लीकेशन देनी थी.