राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर शिवराज सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के साथ ही MP पंचायत चुनाव होंगे. ओबीसी आरक्षण के बगैर पंचायत चुनाव नहीं होंगे. एक-दो दिन में फैसला होगा. सरकार तमाम उन पहलुओं पर काम कर रही है. जिससे ओबीसी आरक्षण तहत चुनाव हो. कांग्रेस 5 बार कोर्ट गई. इसलिए आज ये हालात बने हैं. कांग्रेस कोर्ट नहीं जाती, तो ये स्थिति नहीं बनती.
विधानसभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार कोर्ट जा रही है. ओबीसी संरक्षण का अभियान जारी रहेगा. परिसीमन निरस्ती का अध्यादेश संवैधानिक नियमों के तहत था. केंद्र सरकार से भी चर्चा कर रहे हैं. ओबीसी आरक्षण के साथ पंचायत चुनाव हो इसकी कोशिश करेंगे. ओबीसी को अधिकार दिलाने के लिए पीएम से सम्पर्क में रहकर उन्हें अधिकार दिलाने की कोशिश कर रहे हैं.
बता दें कि आज सुबह से ही विधासनभा में पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को लेकर गहमागहमी का माहौल था. सरकार और विपक्ष के बीच जमकर बहस हुई. नगरीय आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सदन में कहा कि आरक्षण के विरोध में कांग्रेस पांच बार कोर्ट गई. जितनी याचिकाएं लगाई गईं सबके सब कांग्रेसी थे. कांग्रेस नेत्री जया ठाकुर, जाफर सैयद इन दोनों ने ओबीसी आरक्षण को चुनौती दी. लेकिन कांग्रेस ने आपत्ति नहीं ली. आरक्षण के खिलाफ नहीं परिसीमन और रोटेशन के खिलाफ भी याचिकाएं थी. कांग्रेस ने भूपेंद्र सिंह पर गलत जवाब देने का आरोप लगाया है.
मंत्री भूपेद्र सिंह ने कहा कि कोर्ट के रिकॉर्ड से बोल रहा हूं. एक-एक बात रिकॉर्ड में है. अगर इनमें से एक भी बात गलत हुई, तो इस्तीफा देकर चला जाऊंगा. भूपेंद्र सिंह ने कहा कि विवेक तन्खा ने तीसरी याचिका लगाई है. पूर्व मंत्री तरुण भनोत ने कहा कि अगर भूपेंद्र सिंह गलत साबित नहीं हुए, तो मैं विधायकी पद से इस्तीफा दे दूंगा. इस तरह दोनों के बीच ओबीसी आरक्षण के दावों पर इस्तीफा की पेशकश की गई.
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