
लखनऊ. यूपी बार काउंसिल ने 17 दिसंबर को कानपुर बार एसोसिएशन (केबीए) के वार्षिक चुनाव के दौरान गुंडागर्दी में शामिल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए 23 दिसंबर को एक आपात बैठक बुलाने का फैसला किया है. केबीए चुनावों में कुछ उम्मीदवारों और अधिवक्ताओं द्वारा एल्डर्स कमेटी के सदस्यों के साथ तोड़फोड़, हंगामा, दुर्व्यवहार की घटनाओं को अंजाम दिया गया. चुनाव में हुई हिंसा में एक वकील की हत्या भी हुई.
बार काउंसिल ने केबीए चुनाव में देवेंद्र मिश्रा नागरहा और पंचू राम मौर्य को पर्यवेक्षक के तौर पर भेजा था. उन्होंने घटना पर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. बार काउंसिल के सदस्यों की राय थी कि दोषी अधिवक्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. सूत्रों के मुताबिक, एल्डर्स कमेटी ने एक घंटे के भीतर हुई घटनाओं के 26 सीसीटीवी फुटेज भेजे. उनके पास अधिवक्ताओं द्वारा किए गए सभी अवैध कृत्यों का रिकॉर्ड है. एक उम्मीदवार और उसके समर्थक एक मतदाता को अपने पक्ष में वोट डालने के लिए मजबूर करते दिख रहे हैं. कई वकीलों को दुर्व्यवहार और हिंसा में लिप्त भी देखा गया.
सूत्रों ने बताया कि बार काउंसिल जिला न्यायाधीश और पुलिस आयुक्त से रिपोर्ट मंगाने पर विचार कर रही है ताकि सभी पहलुओं पर चर्चा की जा सके और फिर दोषी अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई पर फैसला किया जा सके. बार काउंसिल ऑफ यूपी के एक सदस्य देवेंद्र मिश्रा ने कहा, “आमतौर पर शनिवार या रविवार को बैठकें होती हैं, लेकिन कानपुर में हुई घटना इतनी गंभीर थी कि एक आपातकालीन बैठक बुलाने का फैसला किया गया और नोटिस जारी किया गया हैं. 23 दिसंबर की बैठक में परिषद के सभी 26 सदस्य मौजूद रहेंगे.”