नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 60,000 करोड़ रुपये की पर्ल पोंजी घोटाला मामले में कारोबारियों और पर्ल्स समूह के कर्मचारियों समेत 11 और लोगों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, “चंदर भूषण ढिल्लों, प्रेम सेठ, मनमोहन कमल महाजन, मोहनलाल सहजपाल, कंवलजीत सिंह तूर पर्ल्स ग्रुप के कर्मचारी हैं जिन्हें गिरफ्तार किया गया है। इनके अलावा हमने दिल्ली, चंडीगढ़ और कोलकाता के व्यवसायी प्रवीण कुमार अग्रवाल, मन्नोज कुमार जैन, आकाश अग्रवाल, अनिल कुमार खेमका, सुभाष अग्रवाल और राजेश को भी गिरफ्तार किया है।”
अधिकारी ने कहा कि सीबीआई ने पहले पर्ल्स ग्रुप के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एक प्रारंभिक जांच दर्ज की थी, जिसने कथित तौर पर देश भर में लगभग पांच करोड़ निवेशकों से विभिन्न निवेश योजनाओं को अवैध रूप से संचालित करके, बिना किसी वैधानिक के लगभग 60,000 करोड़ रुपये अनुमोदन, उन्हें धोखा देने के इरादे से एकत्र किए थे।
आरोपियों ने निवेशकों को लुभाने के लिए जमीन की गारंटी दी थी। लोगों से कहा गया कि अगर वे निवेश करेंगे तो उन्हें 12.5 फीसदी का ब्याज मिलेगा। उन्हें उनके निवेश पर मुफ्त दुर्घटना बीमा और आयकर मुक्त परिपक्वता की पेशकश की गई थी। आरोपियों ने निवेशकों से यह भी वादा किया था कि वे जो जमीन खरीद रहे हैं उसका मूल्य तेजी से बढ़ेगा।
बाद में जांच के आधार पर पर्ल्स ग्रुप की इन दो प्रमुख कंपनियों के पीजीएफ लिमिटेड, पीएसीएल लिमिटेड, निर्मल सिंह भंगू और अन्य निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
जांच के दौरान, निर्मल सिंह भंगू, सुखदेव सिंह, सुब्रत भट्टाचार्य और गुरमीत सिंह को जनवरी 2016 में गिरफ्तार किया गया था। बाद में अप्रैल 2016 में सीबीआई ने उनके खिलाफ अपना पहला आरोप पत्र दायर किया।
सीबीआई ने देश भर में मौजूदा बाजार भाव में 1.85 लाख करोड़ रुपये की निर्मल सिंह भंगू की संपत्तियों की पहचान की थी। आरोपी ने ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों में भी निवेश किया था।
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ब्रेट ली पर्ल ग्रुप के ब्रांड एंबेसडर थे और आईपीएल टीम ‘किंग्स इलेवन पंजाब’ को भी पर्ल ग्रुप द्वारा प्रायोजित किया गया था।
करोड़ों निवेशकों के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले करोड़ों रुपये के इस वित्तीय घोटाले में अन्य आरोपियों की भूमिका की जांच के लिए मामले की आगे की जांच जारी रखी गई थी।
आज सुबह सीबीआई ने मामले में कथित संलिप्तता के आरोप में 11 और लोगों को गिरफ्तार किया। प्रवर्तन निदेशालय भी इस संबंध में पीएमएलए के एक मामले की जांच कर रहा है।