पीलीभीत. सांसद वरुण गांधी रोजगार सेवकों के समर्थन में उतर गए हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि मनरेगाकर्मियों की मांगे सरकार ने मानी थी, लेकिन ढाई माह बाद भी शासनादेश जारी नहीं हुआ है. यूपी के 42 हजार मनरेगा सेवकों में रोष है. उन्होंने कहा कि रोजगार सेवकों के हित में शासनादेश जारी हो.
सांसद वरुण गांधी ने पत्र में लिखा है कि ‘आदरणीय मुख्यमंत्री जी, मेरे संसदीय क्षेत्र के जनपद’ पीलीभीत में दिनांक 19 दिसंबर 2021 को जिला मुख्यालय पर जनपद के विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा कर्मियों द्वारा आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में मुझे अवगत कराया गया कि दिनांक 4 अक्टूबर 2021 को लखनऊ में संविदा कर्मियों की समस्याओं के संबंध में आयोजित एक सम्मेलन में आप द्वारा मनरेगा संविदा कर्मचारियों की मांगो ” एक माह में एचआर पॉलिसी लागू करने, रोज़गार सेवकों को जॉब चार्ट में अन्य कार्य जोड़े जाने, रोज़गार सेवकों की समाप्ति से पहले मनरेगा उपायुक्त की सहमति लेने, मानदेय से कोई कटौती न करने आदि ” को पूरा करने की घोषणा की थी, लेकिन ढाई माह गुज़र जाने के बाद भी उक्त समस्याओं के समाधान हेतु कोई शासनादेश जारी/लागू नहीं किया गया है. जिससे उत्तर प्रदेश के लगभग 42 हज़ार संविदा कर्मियों व उनके परिवारों में रोष व्याप्त है.’
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सांसद ने पत्र में कहा है कि ‘मेरा आपसे आग्रह है कि उक्त संविदा कर्मियों व उनके परिवारों के हित को ध्यान में रखते हए उक्त मांगों के संबंध में शीघ्र ही शासनादेश जारी/लाग करने का कष्ट करें.
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