नई दिल्ली। दिल्ली में गेस्ट टीचर्स का मुद्दा शांत होता नहीं दिख रहा है. बुधवार को शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली शिक्षा निदेशालय को गेस्ट और कॉन्ट्रैक्ट (संविदा) टीचर्स के वेतनमान को बढ़ाने के लिए प्रपोजल बनाने को कहा, तो वहीं दिल्ली कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार से मांग की है कि तनख्वाह के साथ टीचर्स को स्थायी किया जाए. दिल्ली कांग्रेस के मुताबिक, पंजाब में शिक्षकों को स्थायी करने का वादा करने वाले अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में 7 वर्षों के शासनकाल में हजारों युवाओं को आश्वासन देने के बावजूद एक भी गेस्ट टीचर को स्थायी नहीं किया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया गेस्ट टीचर्स को 50 हजार वेतन देने का झूठा बयान दे रहे हैं, जबकि रिकॉर्ड अनुसार गेस्ट टीचरों को लगभग 25,000 रुपए महीना वेतन दिया जा रहा है.
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इस मसले पर मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा कि गेस्ट टीचर्स की सैलरी बढ़ाने को लेकर दिल्ली सरकार ने प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके बाद दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने बताया कि मैंने शिक्षा मंत्री का बयान देखा, जिसमें वह गेस्ट टीचर्स की सैलरी बढ़ाने की बात कर रहे हैं. लड़ाई सैलरी बढ़ाने की नहीं, बल्कि 22000 टीचर्स को स्थायी करने की है. 3 बार मुख्यमंत्री ने अपने मेनिफेस्टो में इन टीचर्स को पक्का करने का वायदा किया था. जो टीचर्स इस लड़ाई में संघर्ष कर रहे हैं, कांग्रेस उनके साथ खड़ी है, लेकिन आज इस बयान के बाद यह साफ हो गया है कि दिल्ली सरकार कितना डर गई है. सिर्फ चुनाव के लिए बड़ी-बड़ी बातें करना ठीक नहीं, झूठ सामने आ ही जाता है.
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