नई दिल्ली। दिल्ली ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए अपने पात्र 100 फीसदी लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगा दी है. यह उपलब्धि हासिल करने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुशी जताते हुए कहा कि दिल्ली ने पात्र 100 फीसदी लोगों को पहली डोज लगा दी है, यानि कि दिल्ली के 148.33 लाख लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज ले ली है. दिल्ली को यह उपलब्धि दिलाने के लिए मैं अपने डॉक्टरों, एएनएम, शिक्षकों, आशा, सीडीवी और अन्य सभी फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को सलाम करता हूं और सभी डीएम, सीडीएमओ, डीआईओ समेत सभी जिला पदाधिकारियों को बधाई देता हूं. उन्होंने कहा कि वैक्सीन की पहली डोज लगने के बाद दिल्ली कोरोना से काफी हद तक सुरक्षित हो गई है.

CORONA UPDATE: दिल्ली में कोरोना ने पकड़ी रफ्तार, 6 महीने बाद रिकॉर्ड केस आए सामने, 24 घंटे में मिले 180 नए मरीज

बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुरू से ही युद्धस्तर पर वैक्सीनेशन को लेकर बेहद गंभीर रहे हैं. वैक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए CM केजरीवाल के दिशा-निर्देश पर दिल्ली सरकार ने कई पहल की, ताकि लोग वैक्सीनेशन के लिए आगे आएं. इसके लिए दिल्ली में जगह-जगह वैक्सीनेशन सेंटर खोले गए. स्कूलों और मोहल्ला क्लीनिक्स के अलावा अस्पतालों में वैक्सीनेशन कराने की सुविधा प्रदान की गई, ताकि लोग आसानी से वैक्सीन लगवा सकें. वहीं, बीते मई माह में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने द्वारका सेक्टर-12 में ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन की शुरुआत की थी. दिल्ली सरकार ने ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन उन लोगों के लिए शुरू की थी, जो कामकाजी थे और व्यस्तता के कारण वैक्सीनेशन सेंटर पहुंच कर वैक्सीन नहीं लगवा पा रहे थे. ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन के तहत लोगों को अपनी गाड़ी में भी वैक्सीन लगवाने की सुविधा प्रदान की गई. इसमें सफलता मिलने के बाद दिल्ली के कई अन्य इलाकों में भी ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन की शुरुआत की गई.

OMICRON से निपटने की कवायद, दिल्ली सरकार ने दिए 15 क्रॉयोजेनिक टैंकर खरीदने के ऑर्डर, अब ऑक्सीजन के परिवहन में नहीं आएगी दिक्कत

दिल्ली में 3 लाख वैक्सीन की डोज प्रतिदिन लगाने की क्षमता है. दिल्ली सरकार ने विभिन्न माध्यमों के जरिए लोगों को वैक्सीनेशन के लिए आगे आने की अपील की. दिल्ली सरकार ने हर घर दस्तक और नो वन लेफ्ट बिहाइंड कैंपेन के जरिए दिल्लीवासियों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया. दिल्ली में वैक्सीनेशन के लिए पात्र 148.33 लाख लोगों को पहली डोज लग चुकी है. इसके साथ ही. 1.035 करोड़ से अधिक लोगों ने वैक्सीन की दूसरी डोज भी ले ली है.

ओमिक्रॉन वेरिएंट से निपटने के लिए एक्शन में CM अरविंद केजरीवाल

दिल्ली सरकार ने ओमिक्रॉन से निपटने के लिए अस्पताल, बेड्स, दवाईयों और ऑक्सीजन का पुख्ता इंतजाम कर लिया है और होम आइसोलेशन को और मजबूत कर रही है. दिल्ली सरकार प्रतिदिन एक लाख केस को आधार मानकर अपनी तैयारियों को अंजाम दे रही है. दिल्ली सरकार के पास अभी एक दिन में 1100 घरों का दौरा करने की क्षमता है, जिसे बढ़ाकर 1 लाख तक किया जा रहा है. ऑक्सीजन के ट्रांसपोर्टेशन के लिए 15 टैंकर्स लिए जा रहे हैं, जो अगले तीन हफ्ते में दिल्ली को मिल जाएंगे.

65 हजार बेड्स तैयार करने की तैयारी

केजरीवाल सरकार कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर काफी गंभीर है. इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री के निर्देश पर फिलहाल करीब 37 हजार कोविड बेड्स और 10594 कोविड आईसीयू बेड्स तैयार कर लिए गए हैं. इसके अलावा, 6800 ICU बेड्स निर्माणाधीन हैं. वहीं, यदि संक्रमण बढ़ता है, तो सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि दो हफ्ते की शॉर्ट नोटिस पर दिल्ली के हर वॉर्ड में 100-100 ऑक्सीजन बेड्स तैयार कर लिए जाएंगे. इस तरह दिल्ली सरकार की तैयारी 65 हजार तक बेड्स तैयार करने की है, ताकि किसी को भी बेड्स की दिक्कत न आए.

दवाईयों की किल्लत नहीं होने देगी दिल्ली सरकार- केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोविड बेड्स के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में दवाईयों की उपलब्धता पर भी बल दिया है, जिससे कि किसी भी परिस्थिति में मेडिसिन की कमी न हो. सीएम अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर कोविड मरीजों के इलाज में उपयोगी 32 प्रकार की दवाईयों का दो महीने का बफर स्टॉक किया जा रहा है, साथ ही अधिकारियों को आवश्यक दवाईयों की पर्याप्त उपलब्धता पर लगातार नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं.

कोविड मरीजों के इलाज के लिए दिया गया विशेष प्रशिक्षण

कोविड मरीजों के इलाज के लिए मैन पावर की कमी न हो, इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ-साथ मेडिकल स्टूडेंट्स, नर्सेज और पैरामेडिक्स स्टाफ को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. दिल्ली सरकार ने करीब 15,370 डॉक्टर्स, नर्सेज, मेडिकल स्टूडेंट्स और पैरामेडिक्स को ऑक्सीजन थेरेपी, कोविड प्रबंधन, पीडियाट्रिक वार्ड आदि का विशेष प्रशिक्षण दिया है. इसमें 4 हजार 673 डॉक्टर्स, 1 हजार 707 मेडिकल छात्र, 6 हजार 265 नर्सेज और 2 हजार 726 पैरामेडिक्स शामिल हैं.

डॉक्टरों की मदद के लिए पांच हजार हेल्थ असिस्टेंट तैयार

दिल्ली सरकार ने डॉक्टर्स और नर्सेज की मदद के लिए 5 हजार हेल्थ असिस्टेंट को भी ट्रेनिंग दिया है, ताकि जरूरत पड़ने पर इनकी मदद ली जा सके. हेल्थ असिस्टेंट को नर्सिंग, पैरामेडिक्स, होम केयर, ब्लड प्रेशर मापने, वैक्सीन लगाने समेत अन्य बेसिक ट्रेनिंग दी गई है. ये डॉक्टर्स और नर्स के सहयोगी के तौर पर काम करेंगे और खुद से कोई निर्णय नहीं लेंगे. इनकी मदद से डॉक्टर अधिक कुशलता से काम कर पाएंगे और मरीजों की देखभाल भी काफी बेहतर तरीके से हो सकेगी.

दिल्ली सरकार के अस्पताल नियुक्त कर सकेंगे अतिरिक्त डॉक्टर्स और नर्सेज

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों को डॉक्टर्स, नर्सेज और पैरामेडिक्स स्टाफ की अपने यहां स्वीकृत संख्या में आवश्यकतानुसार इजाफा करने के भी निर्देश दिए हैं. अस्पताल अपने यहां स्वीकृत संख्या से 25 फीसदी अतिरिक्त डॉक्टर्स और 40 फीसदी अतिरिक्त नर्सेज और पैरामेडिक्स स्टाफ बढ़ा सकते हैं. फिलहाल इन अतिरिक्त डॉक्टर्स, नर्सेज और पैरामेडिक्स स्टाफ की नियुक्ति 31 मार्च 2022 तक की जाएगी. कोविड के साथ-साथ गैर कोविड अस्पतालों में भी नियुक्त किए गए अतिरिक्त स्टाफ की नियुक्ति को 31 मार्च 2022 तक बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.

कोविड हेल्पलाइन नंबर 1031 पर मिलेगी 24 घंटे मदद

केजरीवाल सरकार ने कोविड मरीजों को किसी भी दिक्कत के दौरान मदद के लिए कोविड हेल्पलाइन नंबर 1031 जारी किया है. इस हेल्पलाइन नंबर 24 घंटे मदद ली जा सकती है. यहां तीन शिफ्टों में 25 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं, जो 600 से 700 कॉल अटेंड करने में सक्षम हैं. अगर कॉल संख्या में वृद्धि होती है, तो इनकी संख्या बढ़ा दी जाएगी. कोई भी हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर ऑक्सीजन सिलेंडर, टेली परामर्श, पल्स ऑक्सीमीटर, मेडिसिन किट, वैक्सीनेशन, अस्पताल में बेड की उपलब्धता, होम आइसोलेशन, एंबुलेंस सेवा, टेस्ट समेत अन्य जानकारी प्राप्त कर सकता है.

केजरीवाल सरकार ने मेडिकल ऑक्सीजन इन्फ्रास्ट्रक्चर को किया मजबूत

दिल्ली सरकार ने मेडिकल ऑक्सीजन इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी मजबूत कर लिया है. वर्तमान में दिल्ली सरकार के पास एमएलओ स्टोरेज, एमएलओ बफर, पीएसए प्लांट्स को मिलाकर 1363.73 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की क्षमता हो गई है. दिल्ली में पहले ऑक्सीजन का उत्पादन नहीं होता था, लेकिन अब 121 मीट्रिक टन ऑक्सीजन बननी शुरू हो गई है. आपात स्थिति में इस्तेामल के लिए 6,000 ‘डी’ टाइप सिलेंडर रिजर्व में रखे गए हैं. दिल्ली में पहले ऑक्सीजन रीफिलिंग क्षमता एक दिन में 1,500 सिलेंडर थी. अब इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए 12.5 मीट्रिक टन की क्षमता के दो क्रॉयोजेनिक प्लांट स्थापित किए गए हैं, जिससे प्रतिदिन अतिरिक्त 1,400 जंबो सिलेंडर भरे जा सकेंगे.

टेलीमेट्री डिवाइस से लैस किए जा रहे ऑक्सीजन टैंक

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर सभी छोटे-बड़े ऑक्सीजन टैंकों में टेलीमेट्री उपकरण स्थापित किए जा रहे है, ताकि ऑक्सीजन की उपलब्धता का वास्तविक डेटा मिलता रहे. इस उपकरण के लगाने से डैशबोर्ड पर ऑक्सीजन की रीयल टाइम डेटा उपलब्ध होगा. इसकी मदद से अधिकारियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के साथ-साथ ऑक्सीजन की स्थिति को ट्रैक करने में मदद मिलेगी.