चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपना सीएम चेहरा घोषित नहीं करेगी और इसके बिना ही चुनाव मैदान में उतरेगी. यहां अगले साल 117 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं. दरअसल सीएम चेहरे को लेकर लगातार पंजाब कांग्रेस में कलह मची हुई है. कैप्टन अमरिंदर सिंह के मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया गया, लेकिन बार-बार ये बात उठती रही कि वे मुख्यमंत्री का चेहरा चुनाव में नहीं होंगे और नवजोत सिंह सिद्धू के फेस को आगे रखकर चुनाव लड़ा जाएगा. इस पर विपक्षियों ने चुटकी भी ली और पार्टी में भी ये बात उठी कि ऐसा कहना सीएम चन्नी को कमतर करने की कोशिश है. नवजोत सिद्धू पर सुपर सीएम होने के आरोप भी लगे. सिद्धू और चन्नी के बीच भी विभिन्न विषयों को लेकर मतभेद जगजाहिर होते रहे.
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अब कांग्रेस ने ये फैसला लिया है कि बिना सीएम फेस के ही चुनाव मैदान में पार्टी उतरेगी. पार्टी ने अपना पिछला विधानसभा चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में लड़ा था, हालांकि कैप्टन ने सीएम पद के बाद नवंबर में पार्टी भी छोड़ दी और अपनी नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का गठन कर लिया. अब वे चुनाव मैदान में कांग्रेस को चुनौती देने के लिए तैयार हैं. प्रदेश में कई नेताओं का मानना है कि पार्टी को जातीय समीकरण को साधने के लिए सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ना चाहिए. फिलहाल कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकें जारी हैं. कांग्रेस ने वोटों के ध्रुवीकरण से बचने के लिए भी सीएम फेस घोषित नहीं करने का फैसला लिया है.
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राज्य की आबादी में जाट सिख और हिंदू वोटर की संख्या काफी ज्यादा है. डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा जाट सिख हैं. जबकि दूसरे डिप्टी सीएम ओपी सोनी हिंदू हैं. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू जाट सिख हैं और सुनील जाखड़ जाट हैं. सुनील जाखड़ चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख हैं. इधर चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के पहले अनुसूचित जाति वर्ग से ताल्लुक रखने वाले सीएम हैं. ऐसे में दलित वोट बिखर न जाएं, ये भी कोशिश है.
एक परिवार से केवल एक व्यक्ति को टिकट देगी कांग्रेस
कांग्रेस ने पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर एक और बड़ा फैसला किया है. पार्टी ने एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट देने का फैसला किया है. गुरुवार को पंजाब के सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. इस दौरान पंजाब में पार्टी की तैयारियों को लेकर भी चर्चा हुई. वहीं बुधवार को पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में एक परिवार से एक व्यक्ति को टिकट देने का फैसला लिया गया. बैठक के दौरान पंजाब की 117 विधानसभा सीटों से पार्टी के टिकट के दावेदारों पर मंथन हुआ और रणनीति बनाई गई. यह जानकारी पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी ने दी.
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