दिल्ली. महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों को टक्कर दे रही हैं. ऐसी ही एक साहसी महिला ने सदियों से चली आ रही रूढ़ियों औऱ परंपरा को तोड़ते हुए पुरुषों के वर्चस्व वाले क्षेत्र ‘इमामत’ में भी अपना झंडा गाड़ दिया. पुरुषों के वर्चस्व वाले इस क्षेत्र में एक महिला का इस तरह चुनौती देना अभी से ही लोगों को रास नहीं आ रहा है.
दरअसल केरल के मलप्पुरम में 34 वर्षीय जमीदा ने रूढियों को धता बताते हुए जुमा की नमाज अदा कराई. देश के इतिहास में ये पहली घटना है जब किसी महिला इमाम ने बकायदा जुमा की नमाज अता करवाई हो. कुरान सुन्नत सोसाइटी की महासचिव जमीदा ने शुक्रवार को आयोजित जुमा की नमाज पढ़वाई. जिसमें काफी तादाद में पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल हुई. उन्होंने कहा कि कुरान महिला औऱ पुरुषों के बीच किसी किस्म का भेद नहीं करती है.
खास बात ये है कि जमीदा के इस कदम की जहां लोगों ने सोशल मीडिया पर काफी सराहना की है वहीं कट्टरपंथियों के निशाने पर भी वे आ गई हैं. कट्टरपंथी उनके इस कदम के खिलाफ खड़े हो गए हैं वहीं जमीदा इन सबसे बेखबर होकर अपना काम कर रही हैं. उनका कहना है कि जब मुसलमानों की पवित्र पुस्तक कुरान में महिलाओं के साथ किसी किस्म के भेदभाव की बात नहीं की गई है तो इंसानों का ऐसा करना समझ में नहीं आता.