रणधीर परमार, छतरपुर। आज बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहीं हैं. अपने माता-पिता का नाम रोशन कर ही हैं. छतरपुर जिले के एक छोटे से गांव गढ़ा की बेटी भारतीय सेना की ट्रेनिंग पूरी कर पहली बार जब गांव लौटी, तो ग्रामीणों ने उसका जोरदार स्वागत किया. तब फौजी बेटी की आंखों से खुशी के आंसू निकल आए.

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दरअसल गढ़ा के दसरथ आदिवासी टैक्सी चलाते हैं, उनकी बेटी सविता का चयन इंडियन आर्मी में हुआ है. ट्रेनिंग के लिए सविता राजस्थान के अलवर जिला के मौजपुर गई थी. 8 महीने की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद जैसे ही वह अपने गांव वापस लौटी, तो फौजी बेटी को देखकर गांव वालों की खुशी का ठिकाना न रहा. गांव वालों को बिटिया सविता के आने की खबर मिलते ही 5 किमी दूर उसे लेने पहुंच गए और उसे कंधे पर बिठाकर घर तक लेकर आए. इस दौरान बेटी अपने पिता के गले लगी तो उसकी आंखों से खुशी के आँसू बहने लगे.

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फौजी बेटी का ग्रामीणों ने तिलक लगाकर आरती उतारी और माला पहनाकर उनका स्वागत किया. इस दौरान युवा बैंड बाजे और डीजे की धुन पर जमकर थिरके. पूरे गाँव में एक बाइक रैली भी निकाली गई. इस छोटे से गांव की बेटी के भारतीय सेना में शामिल होने से ग्रामीण गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि गांव से पहली बार किसी बेटी का चयन आर्मी में हुआ है. यह पूरे समाज के लिए गौरव का विषय है.

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