नई दिल्ली। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने धर्म संसद को लेकर कांग्रेस पर सवाल उठाए हैं। ओवैसी ने कहा कि हर कोई सबसे बड़े हिंदू होने की रेस में शामिल है। ओवैसी ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस ने धर्म संसद में जिस तरीके से मुस्लिम विरोधी बयान दिए गए, उसको लेकर अब तक आपत्ति या कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। जबकि धर्म संसद ने महात्मा गांधी को अपशब्द कहे जाने को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने महंत रामसुंदर को लेकर भी टिप्पणी की है।
ओवैसी ने कहा कि रामसुंदर जिनके ऊपर धर्म संसद में बयान देने के आरोप लगे हैं, वह छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष थे जोकि कैबिनेट रैंक है। उन्होंने कहा कि धर्म संसद के यह मुख्य संरक्षक थे। सम्मेलन में जो कुछ बयान दिया गया वह, कांग्रेस की सहमति बिना मुमकिन नहीं था। ओवैसी ने कहा कि रामसुंदर ने न सिर्फ महात्मा गांधी को लेकर टिप्पणी की, बल्कि उन्होंने मुस्लिम विरोधी बयान भी दिए।
ओवैसी ने अपने बयान में कहा कि 25 दिसंबर को यात्रा निकाली गई थी और 26 दिसंबर को धर्म संसद हुआ। 25 की कलश यात्रा में कांग्रेस के विधायक विकास उपाध्याय और कांग्रेस पार्टी के नेता, जोकि रायपुर नगर में सभापति है (प्रमोद दुबे) मौजूद रहे। इसके साथ ही भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी मौजूद थे। इससे स्पष्ट है कि धर्म संसद में मुसलमानों का नरसंहार, हिंदू राष्ट्र, लव जिहाद की बातें हुई पर एफआईआर सिर्फ महात्मा गांधी के खिलाफ दिए बयान पर दर्ज हुई है। क्या यह समझा जाए कि मुसलमानों के नरसंहार के बात चिंताजनक नहीं है।
ओवैसी ने कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि सम्मेलन से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को दूर रखा गया यह बेहद निंदनीय है क्या यह समझा जाए कि हिंदू बनाम मुस्लिम वाली बातें महज जुमला थी। उत्तर प्रदेश में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री धरना दे सकते हैं लेकिन धर्म के नाम पर भूपेश बघेल अपने राज्य में क्या कर रहे हैं? सब हिंदू बनने की रेस में हैं ‘सबसे बड़ा हिंदू कौन’?
गौरतलब है छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में दो दिवसीय धर्म संसद आयोजित की गई। इस आयोजन में देशभर के धर्म अनुयायी, महामंडलेश्वर शामिल होने पहुंचे थे। दो दिवसीय धर्म संसद रविवार को अंतिम सत्र के दौरान अचानक समाप्त हो गई। इसकी वजह ये रही कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर कहे गए अपशब्दों के बाद दूधधारी मठ के मुख्य संरक्षक राम सुंदर महाराज अचानक मंच से चले गए। जिसके बाद कांग्रेस नेताओं ने महात्मा गांधी को लेकर दिए गए बयान पर आपत्ति जताई।