रायपुर। कोरोना के नए वैरियंट ओमिक्रान के बढ़ते खतरे के बीच नए साल की शुरुआत से राज्य में बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने की तैयारी है, वहीं फ्रंट लाइन वर्क, हेल्थ वर्कर्स और बुजुर्गों को ‘प्रीकॉशन डोज’ लगाया जाएगा. इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से सीएमएचओ और जिला टीकाकरण अधिकारी को जरूरी दिशानिर्देश दिया गया है.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि 15 से 18 साल के बच्चों का कोविड-19 टीकाकरण 3 जनवरी 2022 से शुरू होगा. इन बच्चों के लिये केवल “कोवैक्सीन” का ही उपयोग किया जाएगा, क्योंकि इन बच्चों के लिए केवल “कोवैक्सीन’ को ही प्राप्त आपातकाल में इस्तेमाल की अनुमति दी गई है.

इसके साथ कोविड-19 टीकाकरण के दोनों डोज ले चुके हेल्थ केयर वर्कर व फ्रंट लाइन वर्कर को 10 जनवरी 22 से कोविड-19 वैक्सीन का एक और डोज बतौर प्रीकॉशन दिया जाएगा. कोविड-19 टीका के दूसरे डोज़ लेने के हितग्राही दूसरा डोज लेने के 9 महीने या 39 सप्ताह के पश्चात् ही प्रीकॉशन डोज के पात्र होंगे. इसके लिए बजुर्जों को किसी प्रकार का दस्तावेज प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं है.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में 28 जिलों में 16 लाख 39 हजार 811 बच्चे कोरोना वैक्सीन लेने के लिए पात्र हैं. इनमें से सबसे ज्यादा 145543 बच्चे रायपुर में, 110954 बच्चे बिलासपुर और 105182 बच्चे में है.


इसके अलावा कोरोना वैक्सीन की दो डोज ले चुके 60 साल या उससे अधिक उम्र वाले बुजुर्गों की सख्या 516717 है, जिनमें सर्वाधिक बुजुर्ग 45862 रायपुर में, 34963 बुजुर्ग बिलासपुर में और 33144 बुजुर्ग दुर्ग में निवास करते हैं.