सदफ हामिद भोपाल। मध्यप्रदेश में ओबीसी महासभा की आरक्षण पर आंदोलन को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर बड़ा हमला बोला है। पूर्व पंचायत मंत्री कमलेश्वर पटेल और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि सबको अपनी बात रखने और मांग रखने का अधिकार संविधान में है। लेकिन शिवराज सरकार ने सबको रोका। कोरोना का हवाला देकर ओबीसी वर्ग को नोटिस दिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि आरएसएस के पथ संचलन में कानून लागू नहीं होता। वहां किसी ने मास्क नहीं लगाया था, कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया उसके बावजूद पथ संचलन की अनुमति दी गयी।
बीजेपी सरकार द्वारा लोकतंत्र को कुचलने का काम किया जा रहा है। 25त्न आरक्षण के साथ 5 बार चुनाव हुए, कभी दिक्कत नहीं हुई। परिसीमन में 25 त्न से बढ़कर 27त्न करने का काम कांग्रेस ने किया। चुनाव प्रक्रिया से चुनाव न कराके मिले हुए अधिकार को छीनने का काम बीजेपी ने किया है। लोगों की भावनाओं को दबाने का काम किया है इससे ऐसा लगता है कि ओबीसी वर्ग की विरोधी है बीजेपी।
उन्होंने कहा कि ओबीसी छात्रों को छात्रवृत्ति वितरित नहीं कि गयी। बच्चों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। पहले व्यापमं के माध्यम से किया गया, अब बच्चों को छात्रवृत्ति न देकर पढऩे नहीं दे रहे है।
पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश में जानबूझकर ऐसे हालात पैदा किये जा रहे हैं। कांग्रेस ने जो अधिकार दिए थे, बीजेपी उसे छीनने का काम कर रही है। आज ओबीसी महासभा के साथ बर्बरता की गई। लोकतंत्र का गला घोंटा गया। ये असंवेदनशील, असंवैधानिक हैं इसके जिम्मेदार बीजेपी और आरएसएस है। मध्यप्रदेश के पिछड़ा वर्ग के नौजवानों के साथ यह धोखा है। शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात अपनी मांग रख रहे थे। 2 दिन तक चिंहित कर कार्यकर्ताओं को नजरबंद कर प्रताडि़त किया गया।
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