रायपुर। महात्मा गांधी की आज 70 वीं पुण्य तिथि मनाई गई. राजधानी में प्रदेश कांग्रेस भवन में गांधी की तस्वीर पर फूल माला अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजली दी गई, लेकिन वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रपिता की कांग्रेस भवन परिसर गांधी मैदान में स्थित प्रतिमा उपेक्षा का शिकार रही. आलम यह रहा कि जो कांग्रेसी अपने आप को गांधी का सच्चा सिपाही बताते नहीं थकती. कांग्रेस के नेताओं का ध्यान राष्ट्रपिता के अपमान पर नहीं जाता. इस जगह पर गायों का चौतरफा बसेरा रहता है. और तो और यहां पर शराबियों का मजमा लगा रहता है शराबी यहां बैठकर न सिर्फ शराब पीते हैं बल्कि वहीं पर डिस्पोजल गिलास व खाली बोतलों को फेंकने से गुरेज नहीं करते.
राष्ट्रपिता के अपमान का मामला यहीं खत्म नहीं हो जाता. देश भर में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है लेकिन कांग्रेस भवन परिसर में स्थित इस प्रतिमा के चौतरफा गंदगी पसरी हुई है. जो गांधी स्वच्छता पर बल देते थे जिन्हें सरकार ने स्वच्छता अभियान का अघोषित ब्रांड अंबेसडर बना दिया है उन्हीं की प्रतिमा से सटकर लोग पेशाब करते हैं. लेकिन सबसे बड़ी शर्म की बात यह है कि यह सब कांग्रेस भवन के परिसर में ही हो रहा है. जिस कांग्रेस के कभी गांधी अध्यक्ष हुआ करते थे.
राष्ट्रपिता ने पैदल यात्रा कर अंग्रेजों को इस देश से भगा दिया. सारा देश उनके पीछे-पीछे चल दिया लेकिन उनकी प्रतिमा का अपमान शायद अब के कांग्रेस के सिपाहियों को नजर नहीं आता होगा क्योंकि अब के कांग्रेस के सिपाही पैदल नहीं कांच चढ़ी एसी गाड़ियों में बैठकर आते-जाते हैं.
यही नहीं गांधी प्रतिमा से महज 100 मीटर की दूरी पर नगर निगम है वहां भी कांग्रेस की सत्ता हैं. कांग्रेस के मेयर हैं जिनके कंधों पर राजधानी की साफ-सफाई का जिम्मा है. जब यहां की यह हालत है तो शहर की हालत का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं.
यह मामला कोई आज का नहीं है, यहां यह स्थिति हर रोज नजर आती है. कांग्रेसियों का ध्यान इस पर क्यों जाएगा गांधी ने तो देश को आजादी दिलाई थी, लेकिन कुर्सी की लड़ाई तो इन सच्चे सिपाहियों को ही लड़नी है. जिसकी लड़ाई में वो व्यस्त हैं.
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