चंडीगढ़। नगर निगम चंडीगढ़ में कांग्रेस की नवनिर्वाचित पार्षद हरप्रीत कौर बबला और उनके पति देविंदर सिंह बबला रविवार को भाजपा में शामिल हो गए. अब 35 सदस्यीय सदन में भाजपा के पार्षदों की संख्या बढ़कर 13 हो गई, जो आम आदमी पार्टी (आप) के 14 पार्षदों से एक कम है. किसी भी दल को 18 सीटों का स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. सभी 35 सीटों के नतीजे 27 दिसंबर को घोषित किए गए थे, जिसमें आप ने 14, भाजपा ने 12, कांग्रेस ने 8 और शिरोमणि अकाली दल ने एक सीट जीती थी.

महिलाओं के भरोसे पंजाब चुनाव में पार्टियों की नैया, अब सिद्धू ने की हर महीने 2 हजार रुपए और साल में 8 मुफ्त सिलेंडर देने की घोषणा

 

वर्तमान सदन में महापौर पद के लिए विजेता उम्मीदवार को 19 पार्षदों के मत की जरूरत है. आप को 14 की अपनी संख्या के लिए अतिरिक्त पांच वोटों की आवश्यकता है, जबकि भाजपा को 12 सीटों के साथ-साथ एक मौजूदा सांसद वोट और नई शामिल हरप्रीत कौर को भी पांच वोट और कांग्रेस को 12 वोटों की आवश्यकता है. चंडीगढ़ के महापौर का एक वर्ष का कार्यकाल होता है. चूंकि सदन पांच साल के लिए चुना जाता है, इसलिए पहले वर्ष में महापौर सामान्य महिला वर्ग से होता है. महापौर का चुनाव 9 जनवरी को होना है.

 

बीजेपी सांसद किरण खेर रहीं मौजूद

कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष देविंदर सिंह बबला और उनकी नवनिर्वाचित पार्षद पत्नी हरप्रीत कौर, जिन्होंने सबसे अधिक 3,103 मतों के अंतर से जीत हासिल की, वे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, शहर की सांसद किरण खेर, शहर भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद और पूर्व नगर अध्यक्ष संजय टंडन की उपस्थिति में बीजेपी में शामिल हो गए. पार्टी में शामिल होने के बाद देविंदर बबला ने मीडिया से कहा, “बबला ब्रांड अब बीजेपी का है.”

पंजाब में CM फेस के बिना विधानसभा चुनाव में उतरेगी कांग्रेस, वोटों के ध्रुवीकरण से बचने के लिए फैसला

 

इससे पहले शनिवार को नए पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह में शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला के साथ विवाद को लेकर बबला को कांग्रेस ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया था. चावला के बेटे को भी नगर निकाय चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. बड़े झटके के बीच भाजपा के तीन पूर्व महापौर (रविकांत शर्मा, राजेश कालिया और दवेश मौदगिल) चुनाव हार गए. भाजपा के 4 मौजूदा पार्षद शक्ति देवशाली, सुनीता धवन, हीरा नेगी और भरत कुमार को भी हार का सामना करना पड़ा. आप की चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख चंदर मुखी शर्मा, जो कांग्रेस से बदले हैं, भी चुनाव हार गए.