रांची। सिमडेगा जिले के कोलेबिरा थाना अंतर्गत जनजातीय बहुल बेसराजारा गांव में मंगलवार को मॉब लिंचिंग की एक दर्दनाक वारदात हुई है। यहां उत्तेजित ग्रामीणों की भीड़ ने एक युवक की बुरी तरह पिटाई करने के बाद उसे जिंदा जला डाला। मारे गये युवक का नाम संजू प्रधान है। वह इसी इलाके का रहनेवाला था। वारदात का अंजाम देनेवाले ग्रामीण इतने गुस्से में थे कि उन्होंने लगभग एक घंटे तक पुलिस को भी गांव के भीतर प्रवेश नहीं करने दिया गया। बाद में तीन-चार थाना क्षेत्रों से फोर्स पहुंची, तब पुलिस घटनास्थल पर पहुंच सकी। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो फायर ब्रिगेड की सहायता से आग बुझाकर युवक का अधजला शव बरामद किया, जिसे पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा जा रहा है। कोलेबिरा थाना प्रभारी ने बताया कि यह घटना उत्तेजित भीड़ द्वारा अंजाम दी गयी है। घटना के पीछे की वजहें क्या हैं, इसकी जांच की जा रही है।

स्थानीय सूत्रों ने बताया कि गांव के लोग जंगल से पेड़ों की कटाई करने के कारण संजू प्रधान नामक युवक से नाराज थे। उसे कई बार पेड़ों की कटाई के लिए मना किया गया था। बताया जा रहा है कि उसके बारे में वन विभाग से भी शिकायत की गयी थी। मंगलवार दोपहर कुछ ग्रामीणों ने संजू प्रधान को पकड़कर उसकी पिटाई शुरू कर दी। वहां बड़ी संख्या में लोग जुट गये। बुरी तरह पिटाई के बाद कुछ लोगों ने संजू को पकड़कर उसे कपड़ों में आग लगा दी। घटना की खबर मिलते ही पुलिस घटनास्थल के लिए रवाना हुई, लेकिन लाठी-डंडों से लैस ग्रामीणों ने पुलिस को गांव में दाखिल नहीं होने दिया। बाद में आस-पास के तीन चार थानों से अतिरिक्त फोर्स भेजी गयी, तब ग्रामीण पीछे हटे। सिमडेगा जिले के एसपी के आदेश पर गांव में मुख्यालय से फोर्स भेजी गयी है। पूरे इलाके का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच के बाद एफआईआर दर्ज की जायेगी।

बता दें कि झारखंड विधानसभा ने बीते दिसंबर में ही राज्य में एंटी मॉब लिंचिंग बिल पारित किया है, जिसमें ऐसी घटना को अंजाम देने का आरोप सिद्ध होने पर दोषियों को आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर झारखंड पहले भी चर्चा में रहा है।