नई दिल्ली। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली विधानसभा में बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नई शराब नीति की वजह से बीजेपी नेताओं का कमीशन बंद हो गया, इसलिए वे बौखलाए हुए और परेशान हैं. नई आबकारी नीति से दिल्ली में 3500 करोड़ रुपए की चोरी रुक गई है. ये पैसा पहले बीजेपी नेताओं के पास कमीशन में जाता था, अब दिल्ली के खजाने में आ रहा है. उन्होंने  कहा कि नई शराब नीति के पहले दिल्ली के करीब 80 वार्ड में शराब की कोई दुकान नहीं थी. इन जगहों पर बीजेपी के नेताओं के संरक्षण में एमसीडी और पुलिस की मिलीभगत से अवैध शराब की दुकानें चलती थीं, लेकिन अब नई आबकारी नीति से यहां से बीजेपी को जानेवाला कमीशन बंद हो गया है इसलिए बीजेपी के नेता काफी परेशान हैं.

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नई आबकारी नीति से दिल्ली में शराब से होने वाला राजस्व 6 हजार करोड़ से बढ़कर हुआ 9500 करोड़
नई आबकारी नीति से पहले दिल्ली को शराब से मिलने वाला राजस्व 6000 करोड़ का था, लेकिन अब ये राजस्व बढ़कर 9 हजार 500 करोड़ का हो गया है. उन्होंने कहा कि नई शराब नीति से 3500 करोड़ रुपए की चोरी रुकी है. अब ये पैसा दिल्ली के खजाने में आएगा, क्योंकि पहले ये पैसा सीधे बीजेपी के पास जाता था, इसलिए कमीशन और चोरी बंद होने से भाजपा बौखला गई है. रामवीर सिंह बिधूड़ी जी भी इसलिए परेशान हैं. दरअसल रामवीर सिंह बिधूड़ी जी नेता प्रतिपक्ष नहीं बल्कि नेता कमीशन हैं और इनका कमीशन रुकने से ये भगवान राम की झूठी कसम भी खाने लगे हैं.

नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली में अभी 501 शराब की दुकानें खुलीं

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि 2015 में दिल्ली में 850 शराब की दुकानें थीं. केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में एक भी शराब की दुकान नहीं खुलने दी. नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली में अभी 501 शराब की दुकानें ही खुली हैं. दिल्ली में 2016 के बाद केजरीवाल सरकार की नीति के कारण कोई नई शराब की दुकान नहीं खोली गई. पहले जो दुकान चली आ रही थी, उनका आवंटन गलत था. कई वार्डों में 15 से 25 दुकान थीं और कई वार्डों में बिल्कुल दुकान नहीं थी. जहां पर शराब की दुकान नहीं थी, वहां भाजपा और माफिया मिलकर अवैध शराब की दुकानें चला रहे थे, जिन्हें बंद करा दिया गया है.

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उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश में कुछ राज्यों में शराब बैन है. जैसे गुजरात में शराब बंद है. 10 हजार करोड़ का राजस्व जो गुजरात सरकार को मिलना चाहिए था, वो वहां के बीजेपी के नेता कमा रहे हैं. बिहार में शराब बंद है वहां के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की वो सबको मालूम है. हमने सरकार बनने के बाद शराब को लेकर दिल्ली में जो कुछ हो रहा है उसे ठीक किया. 2015 में जब केजरीवाल जी की सरकार बनी तब एक्साइज इंस्पेक्टर के रेड मारने को लेकर एक छोटा सा रिफॉर्म किया. इंस्पेक्टर के संस्थागत तैनाती में सुधार करने से दिल्ली में 3,400 करोड़ का एक्साइज राजस्व बढ़कर 4,238 करोड़ हो गया. यानि 838 करोड़ रुपए बढ़ गया. शराब के धंधे में हो रही चोरी रुक गई.

नई आबकारी नीति से क्या बदला-

  • पहले दिल्ली में शराब की दुकान की खिड़की रोड पर और गली मुहल्ले में खुलती थी. अब सड़क पर कोई काउंटर नहीं खुलेगा. कोई भीड़ नहीं कोई हुल्लड़ बाजी नहीं होगी.
  • पुरानी पॉलिसी में शराब की दुकान के सामने नमकीन का ठेला लगता था और लोग वहीं खड़े खोकर शराब पीते थे. अब अगर किसी शराब के दुकान के सामने ऐसा कोई ठेला पाया गया, तो ठेकेदार पर कारवाई होगी.
  • नई पॉलिसी से शोरगुल और कमीशनखोरी बंद हो गई.
  • 3 हजार 977 गैरकानूनी शराब दुकानें बंद.
  • आज कुल राजस्व 6 हजार रुपए से बढ़कर 9 हजार 500 करोड़ हो गया.
  • दुकानों की संख्या 849 थी, उसे नहीं बढ़ाया.
  • पुरानी नीति में एक ही वार्ड में 27 दुकानें थीं और 80 वार्ड ऐसे थे जहां कोई दुकान नहीं थी. 45 वार्ड में एक एक दुकान थी. पहले 58 फीसदी दिल्ली में कोई शराब की दुकान नहीं थी. 850 में से आधी दुकानें 45 वार्ड में थीं. इस विसंगति को दूर किया गया.
  • अब दिल्ली में 500 वर्ग फीट से कम में शराब दुकान नहीं खुलेगी.
  • नई आबकारी नीति में शराब के दुकान के अंदर और बाहर ठेकेदार सीसीटीवी कैमरा लगाएगा.

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विभिन्न राज्यों की आबकारी नीति

बैंगलुरू- 1.93 करोड़ लोगों पर 1800 शराब की दुकानें हैं. वहां हर 11 हजार लोग पर एक शराब की दुकान है.
गुड़गांव- 2 हजार लोगों पर एक शराब की दुकान है.
गाजियाबाद- हर 3000 लोगों पर एक शराब की दुकान.
नोएडा- हर 1,541 लोगों पर एक शराब की दुकान.
मुंबई- 10,200 लोगों पर एक शराब की दुकान है.
दिल्ली- हर 30 हजार लोगों पर एक शराब की दुकान है.

 

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अब बताइए शराब की नगरी कौन है ? बीजेपी अपने राज्यों में भर-भरकर शराब की दुकान खोल रही है, लेकिन दिल्ली में जब हम चोरी रोकने का प्रयास कर रहे हैं, तो यहां विरोध किया जा रहा है. शराब पीने की उम्र भी दिल्ली से सटे नोएडा, गुड़गांव, गाजियाबाद में 21 साल है. अब दिल्ली में 21 साल है तो विरोध क्यों ? नोएडा में 21 साल का व्यक्ति शराब पी सकता है, लेकिन दिल्ली में शराब नहीं पी सकता क्यों ? उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने 3 हजार 977 शराब के गैरकानूनी ठेके बंद करा दिए. 4000 लोग गिरफ्तार हुए. 15 लाख से ज्यादा बोतल शराब पकड़ी गई. अवैध शराब इनके सरंक्षण में बिकती थी, इनके पास पैसा जाता था नई पॉलिसी से. शराब के व्यापारियों ने 9 हजार 500 करोड़ रुपए का राजस्व देना स्वीकार किया.

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उपमुख्यमंत्री ने बीजेपी द्वारा दिल्ली के लोगों को परेशान करने पर उनको आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि अपने हिस्से का कमीशन बचाने के लिए बीजेपी ने सोमवार को दिल्ली के लोगों को परेशान कर रखा. इन्होंने जानबूझ कर ऐसा मास्टर प्लान बनाया कि 80 वार्ड में कोई कमर्शियल एक्टिविटी नहीं होगी. 180 वार्ड में कोई छोटी दुकान खोलनी हो, तो उसे इन लोगों ने गैरकानूनी घोषित कर रखा है. मास्टर प्लान नहीं ये कमीशन मास्टर प्लान है. डिजास्टर प्लान है ये. एमसीडी के कमीशन और पुलिस को हफ्ता वसूली के चक्कर में आधी दिल्ली में शॉपिंग बंद करा रखी है. उन्होंने कहा कि मेरी बीजेपी से विनती है कि शराब का गैरकानूनी धंधा बंद कराइए और स्लम में रहने वाले, कॉलोनियों में रहने वाले बच्चों को बचा लीजिए. आप कमीशन के लिए प्रभु राम की झूठी शपथ मत खाइए. आप शपथ लीजिए कि दिल्ली के हर कोने में लीगल मार्केट खुलवाऊंगा.