सदफ हामिद,भोपाल। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव पर असमंजस की स्थिति और कोर्ट के आदेश और कैबिनेट के निर्णय बाद पूरे राज्य के सरपंच अपने पुराने अधिकार वापस मांग रहे हैं। शनिवार को प्रदेशभर के सैकड़ों सरपंच राजधानी भोपाल पहुंचे और बीजेपी पदाधिकारियों से मुलाकात कर अपनी मांगों के संबंध में उन्हें अवगत कराया। सरपंचों ने कहा पंचायत संचालन को लेकर उनके अधिकार नहीं मिलने पर 23 हजार सरपंच फिर राजधानी भोपाल का कूच करेंगे।
जानकारी के अनुसार पंचायतों के संचालन को लेकर बनी असमंजस की स्थिति के बाद प्रदेशभर के अलग अलग जिलों से बड़ी संख्या में सरपंच शनिवार को राजधानी भोपाल पहुंचे। यहां बीजेपी कार्यालय पहुंचकर पदाधिकारियों से मुलाकात की। सरपंचों ने कहा कि पंचायत संचालन को लेकर हमारे अधिकार हमें वापस दिया जाए। जब तक चुनाव सम्पन्न नहीं हो जाते तब तक पुरानी व्यवस्था के अनुसार अधिकार वापस दिए जाए। उन्होंने कहा कि अब आचार संहिता भी खत्म हो गयी है इसलिए सभी अधिकार वापस दिए जाएं।
सरपंचों का आरोप है कि आचार संहिता लगने के पहले हमसे पूरा काम करवाया गया और अब अधिकार वापस ले लिए गए हैं। सरकार ने अधिकार देकर वापस 2 दिन में ले लिए, इससे हमारी बेइज्जती है। सरंपचों ने कहा कि अगर न्याय नहीं मिला तो 3 से 4 दिन में 23000 सरपंच भोपाल में जुटेंगे।
अलग अलग जिलों से आये सरपंचों ने कहा कि ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से भी मुलाकात कर चर्चा करेंगे। बता दें कि ग्राम पंचायतों के वित्त अधिकार जिला प्रशासन को देने से सरपंच नाराज है। सरकार ने आदेश जारी कर वित्त का अधिकार जिला प्रशासन को दे दिया है।
मंत्री कुशवाह का बयान: सरपंचों के अधिकार हनन के लिए कांग्रेस जिम्मेदार
ग्राम पंचायतों के संचालन अधिकार जिला प्रशासन को दिए जाने को लेकर नाराज सरपंचों के भोपाल बीजेपी कार्यालय पहुंचने मामले में प्रदेश के उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाह का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि आंदोलन, धरना प्रदर्शन करने के लिए हर व्यक्ति स्वतंत्र होता है। वह लोग सरकार को अपनी भावनाओं से किस तरह अवगत कराना चाहते हैं यह स्वयं संगठन और लोगों पर निर्भर करता है। इसलिए इस बात को सभी को जान लेना चाहिए कि सच्चाई यह है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार पंचायत चुनाव कराना चाहती थी, लेकिन कांग्रेस सरकार इस पूरे मामले को न्यायालय की दहलीज पर ले गई। कांग्रेस ने इस चुनाव में बहुत बड़ी बाधा उत्पन्न की है। इसलिए कांग्रेस के इस कृत्य से यह जाहिर हो चुका है कि पंचायत चुनावों को कराने और उनके अधिकारों के हनन का कोई जिम्मेदार है तो वह सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस है। गौरतलब है कि भारत सिंह कुशवाह प्रदेश में उद्यानिकी मंत्री और ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा से आते हैं।
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