Column By- Ashish Tiwari , Resident Editor

उधर पीएम, इधर मिनिस्टर सिक्योरिटी ब्रीच

पंजाब में पीएम सिक्योरिटी ब्रीच मामले ने देशभर में हड़कंप मचा दिया. केंद्र की सारी एजेंसियां चौकन्नी हो गई. सिक्योरिटी ब्रीच ने बड़ा पाॅलिटिकल प्रोपेगेंडा खड़ा कर दिया. बात पीएम की सिक्योरिटी से जुड़ी थी, सो हल्ला मच गया, इधर छत्तीसगढ़ में मिनिस्टर की सिक्योरिटी ब्रीच का कहीं कोई जिक्र तक नहीं. पिछले दिनों की बात है, जब दुर्ग जिले के एक नगर निगम में महापौर का चुनाव था. कानों में बाली पहने एक शख्स पिस्टल लिए अचानक उस जगह तक जा पहुंचा, जहां मिनिस्टर मौजूद थे. बेधड़क तफरी कर रहे शख्स पर मिनिस्टर के पीएसओ की नजर पड़ी. उस शख्स के हाव-भाव ने बता दिया कि ये सिक्योरिटी से जुड़ा आदमी नहीं है. शख्स के गले में टंगे आई कार्ड को देखते हुए मिनिस्टर के पीएसओ ने पूछताछ शुरू की, तो मालूम चला कि वह एक विधायक का ड्राइवर है. लेकिन सवाल उठा कि ड्राइवर के पास सिक्योरिटी में लगे पीएसओ का आई कार्ड और पिस्टल कैसे पहुंचा. सख्ती बरती गई, तब जाकर खुलासा हुआ कि विधायक के पीएसओ का पेट खराब हो गया था, सो उसने ड्राइवर को अपना कार्ड और पिस्टल संभालकर रखने दिया था. हाथ में पिस्टल थी, तो जनाब ने अपना काॅलर थोड़ा ऊंचा कर लिया. बहरहाल पंजाब मामले में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें सिक्योरिटी ब्रीच का शिकार पीएम के बेहद करीब बीजेपी कार्यकर्ता नारेबाजी करते दिख रहे हैं, वहां भी अपने घेर रखे थे, यहां भी आसपास अपने ही थे, बस इधर वाले शायद मिनिस्टर को सुर्खियां बटोरने का हुनर नहीं मालूम.
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आईएएस के बाद अब आईपीएस प्रमोशन !

संकेत तो यही हैं कि इस दफे आईपीएस अधिकारियों को अपने प्रमोशन के लिए साल के आखिरी महीनों तक इंतजार नहीं करना होगा. आईएएस के बाद अब जल्द ही सरकार आईपीएस अधिकारियों को प्रमोट करेगी. पिछले दो साल से ये एक्सरसाइज बिगड़ गई थी. आईएएस तो जनवरी शुरू होते ही प्रमोशन पाते रहे, लेकिन आईपीएस को बेसब्री से इंतजार करना पड़ा. बहरहाल इस दफे 1997 बैच के दो सीनियर आईपीएस दीपांशु काबरा और जयदीप सिंह एडीजी प्रमोट होंगे. फिलहाल काबरा प्रतिनियुक्ति पर दोहरी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, परिवहन के साथ-साथ जनसंपर्क आयुक्त का ओहदा संभाले हुए हैं. वहीं जयदीप सिंह सेंट्रल डेपुटेशन पर आईबी में पदस्थ है. इस वक्त उनकी पोस्टिंग जर्मनी में भारतीय दूतावास में है. उन्हें प्रोफार्मा प्रमोशन दिया जाएगा. इसके अलावा 2004 बैच के आईपीएस आईजी प्रमोट होंगे. इनमें नेहा चंपावत, अजय यादव, बद्रीनारायण मीणा, अंकित गर्ग, संजीव शुक्ला और अभिषेक पाठक शामिल हैं. अंकित गर्ग और अभिषेक पाठक सेंट्रल डेपुटेशन पर है, लिहाजा उन्हें प्रोफार्मा प्रमोशन मिलेगा. 2008 बैच के आईपीएस डीआईजी प्रमोट होंगे, इनमें पारूल माथुर, प्रशांत अग्रवाल, नीथू कमल, डी श्रवण, मिलना कुर्रे, कमलोचन कश्यप और के एल ध्रुव के नाम हैं, जबकि 2009 बैच के आईपीएस को सलेक्शन ग्रेड मिलेगा, इनमें कांबले अमित तुकाराम, प्रखर पांडेय, मनीष शर्मा, डी रविशंकर के नाम शामिल हैं.
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कौन है वो?

अब यह शिगूफा छोड़ा गया है या इसके पीछे सच्चाई है, मालूम नहीं, लेकिन जिम्मेदारी से जिम्मेदार लोगों के बीच यह किस्सा सुना गया है. यह किस्सा करीब पखवाड़े भर पहले का है. सुनते हैं कि एक पांच सितारा होटल में एक आईएएस को ड्राइवर के रूप में देखा गया. सामान्य कद काठी वाले इस अधिकारी ने अंगोछे को पगड़ी की तरह सिर पर लपेटा हुआ था. सूत्र ने बताया कि साहब ढलती रात इस अंदाज में पहुंचे थे, तो शह हुआ और मामले को समझने का सिलसिला शुरू हुआ, तब जाकर ये खबर निकली कि किसी बैग की डिलीवरी लेने वह पहुंचे थे. बैग लेने तक तो मामला ठीक था, बताते हैं कि इसके बाद पांच सितारा होटल में आईएएस साहब के एक परिचित टकरा गए. नए रंग रूप में देख सामने वाला भी सन्न था. अब यह मालूम नहीं चल सका है कि आखिर उस बैग में ऐसा था क्या, जिसे लेने भेष बदलना पड़ा होगा?
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जांजगीर एसपी के बदलने की वजह कहीं ये तो नहीं !
7 जिलों के एसपी के हालिया तबादले में जांजगीर-चांपा जिले में पदस्थ रहे प्रशांत ठाकुर का तबादला कर उन्हें धमतरी भेज दिया गया. उनकी जगह दंतेवाड़ा में ऐतिहासिक पारी खेलने वाले अभिषेक पल्लव लाए गए हैं. प्रशांत ठाकुर सात महीने पहले ही जांजगीर भेजे गए थे. वैसे ये पहला उदाहरण नहीं है कि चंद महीने में ही किसी एसपी को बदल दिया गया हो, लेकिन प्रशांत ठाकुर को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं उठ रही है. सुना जा रहा है कि उनके तबादले के पीछे मड़वा प्लांट में हुआ बवाल है. इस मामले में चार सौ लोगों के खिलाफ अपराध कायम किया गया है, वैसे तबादले की वजह से प्रशांत ठाकुर के हिस्से एक जिला और जुड़ गया. अब संभवतः प्रमोटी आईपीएस में प्रशांत इकलौते अधिकारी होंगे, जिनके पास पांच जिलों में बतौर एसपी काम करने का मौका मिला हो.
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न्यू ईयर की हाई प्रोफाइल पार्टी में गिफ्ट में मिला ‘कोरोना’

पूरे प्रदेश में रायपुर ऐसा शहर है, जहां कोरोना के सर्वाधिक मामले आ रहे हैं. कहा जा रहा है कि लोगों को ये न्यू ईयर गिफ्ट के तौर पर मिला है. अब इस एक मामले को ही देखिए. वीआईपी रोड के एक फार्म हाउस में 31 दिसंबर की रात हाई प्रोफाइल पार्टी हुई. खबर आ रही है कि सिर्फ 200 चुनिंदा मेहमानों वाली इस हाई प्रोफाइल पार्टी से अब तक कोरोना संक्रमित होने मरीजों के आंकड़ों ने शतक बना लिया है, यानी करीब सौ लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. खास बात यह रही कि इस हाई प्रोफाइल पार्टी में शहर के व्यापार जगत के दिग्गज शामिल थे. कुछ प्रभावशाली नौकरशाह भी इस पार्टी में देखे गए, ऐसी सूचना भी आई है.
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विवाद यहां भी…

माइनिंग एरिया में राॅ मटेरियल का ट्रांसपोर्टेशन,विवाद की एक बड़ी वजह बन रहा है. पिछले हफ्ते के काॅलम में हमने बताया था कि कांकेर जिले की एक माइन से राॅ मटेरियल के ट्रांसपोर्टेशन का झगड़ा यहां तक पहुंच गया कि एक शीर्ष नेता को हस्तक्षेप करना पड़ा. बकायदा कलेक्टर को यह ताकीद करते हुए कि स्थिति संभालो नहीं तो बदल दिए जाओगे. अबकी खबर रायगढ़ जिले से आई है, जहां गारे पेलमा से राबर्टसन साइडिंग तक कच्चा माल ट्रांसपोर्ट करने की दर पर विवाद है. 670 रूपए दर निर्धारित किया गया था, लेकिन वाहन मालिकों को 320 रूपए दिया जा रहा है. बताते हैं कि दुर्ग की जिस रोड लाइंस को ट्रांसपोर्टेशन का काम दिया गया है, राज्य की मेडिकल एंबुलेंस सेवा ‘संजीवनी’ के संचालन का काम भी वहीं संभालता है. आरोप है कि टेंडर शर्तों की अनदेखी कर यह काम जय अंबे इमरजेंसी सर्विस को ही दिया गया. शव वाहन चलाने वाले को पहले एंबुलेंस सर्विसेस और फिर माइन में ट्रांसपोर्टेशन की जिम्मेदारी. इसके तगड़े जुगाड़ का तो पता नहीं, लेकिन इसके खिलाफ एक शिकायत ईओडब्ल्यू में दी गई है.
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कन्हैया को मैंने टिकट दिलाया !

सोशल मीडिया पर एक आडियो वायरल हो रहा है. बताते हैं कि यह आडियो एक कार्पोरेशन में नियुक्त सदस्य का है . कांग्रेस से जुड़े ये सदस्य वायरल आडियो में अपनी धमक का ब्यौरा पेश कर रहे हैं. इस खुलासे के साथ कि बीते चुनाव में रायपुर दक्षिण विधानसभा से बृजमोहन अग्रवाल को जिताने उन्होंने ही कन्हैया अग्रवाल को टिकट दिलाई. वह यह कहते सुने जा रहे हैं कि बृजमोहन अग्रवाल को मैं हारते हुए नहीं देख सकता था. उनके मेरे ऊपर कई एहसान है. कन्हैया को टिकट दिलाकर मैंने वह एहसान उतारा है. जाहिर है इस सदस्य के पूर्व मंत्री से मधुर संबंध रहे होंगे. वायरल आडियो में सदस्य ने यह भी बयां किया कि सरकार में उनका काम महज एक मैसेज में ही हो जाता है. इसके लिए ना तो उन्हें नेताओं को माला पहनाने की जरूरत होती है और ना ही ताली पीटने की. इधर सैकड़ों लोग हैं, जो अपने एक काम के लिए नेताओं से लेकर अधिकारियों तक चक्कर लगा लगाकर थक चुके हैं. अच्छा होगा कि सदस्य साहब ऐसे जरूरतमंदों के काम अपने एक मैसेज से कर दें. खैर सरकार में उनकी धमक के लिए उन्हें बधाई. अच्छे अच्छो की चल नहीं रही, उनकी बरकरार है, तो बधाई दी ही जानी चाहिए.