अफसर निलंबित, निशाने पर रिश्तेदार मंत्री

विवाह योजना में फर्जीवाड़े के आरोप में एक जिले के अफसर को सस्पेंड करने में उसी जिले के सत्ताधारी दल के विधायक ने ऐड़ी चोटी का जोर लगाया था। बावजूद इसके कि जिम्मेदार अफसर सरकार में एक कद्दावर मंत्री का करीबी रिश्तेदार है। मामला मिल बैठकर सुलटाया भी जा सकता था, लेकिन स्थानीय विधायक ने पूरी ताकत लगा दी। ना केवल मामले को विधानसभा में उठाया, बल्कि मंत्रालय और मुख्यमंत्री निवास के चक्कर भी खूब लगाए। रिश्तेदार मंत्री ने भी मामले को सुलझाने की कोशिश की लेकिन बात कुछ बनी नहीं। बताया जाता है कि मंत्री के रिश्तेदार अफसर पर कार्यवाही के लिए सरकार के ही दूसरे दिग्गज मंत्री ने भी पर्दे के पीछे भूमिका निभाई है। ये ज़रूर बता दें कि अफसर के रिश्तेदार मंत्री बीते दिनों ही जबलपुर में अपने एक बयान के जरिए सुर्खियां बटोर चुके हैं। उन्होंने ऐसा बयान दे दिया था, जिससे उनके ही एक साथी मंत्री पर कटाक्ष समझा जा रहा है।

अरुण यादव की टीम हटाने की होगी जांच?

खंडवा लोकसभा सीट में हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की हार के बाद स्थानीय पार्टी युनिट में बड़े पैमाने पर बदलाव कर दिए गए थे। इसके बाद खूब शिकवे-शिकायतों का दौर चला और सबसे बड़ी गाज़ अरुण यादव की टीम पर गिर गई। इसके बाद कांग्रेस में संघर्ष विराम समझा जा रहा था, लेकिन हकीकत यह है कि मामला ठण्डा नहीं हुआ है। अंदर की खबर है कि उप चुनाव में हार के बाद हटाए गए नेताओं की शिकायत दिल्ली दरबार पहुंचा दी गई। एमपी पर नजर रख रहे दिल्ली की एक लॉबी ने इसमें बाकी की कोर कसर पूरी करके आला नेताओं को समझा दिया है। अब दिल्ली की एक टीम जल्द ही खंडवा और भोपाल में जांच के लिए पहुंच रही है। जांच टीम पूरा ब्योरा लेकर अपनी रिपोर्ट आलाकमान को देगी।

बीजेपी नेताओं के जन्मदिन नवाचार

नेताजी का जन्मदिन किसी जश्न से कम नहीं होता है। जन्मदिन महोत्सव से ताकत का एहसास भी दिलाया जाता है। अब जबकि विधानसभा चुनाव को केवल दो बरस ही रह गए हैं, नेताओं ने अपने जन्मदिन पर सोशल डिस्टेंसिंग और  सामाजिक संदेश देने का नवाचार शुरू किया है। शुरुआत मंत्री विश्वास सारंग ने की जिनका जन्मदिन राजधानी भोपाल में उनके निवास, दफ्तर समेत उनके समूचे विधानसभा क्षेत्र में जगह-जगह मनाया जाता है, जिसमें काफी भीड़ भाड़ इकट्ठा होती है। इस बार सारंग ने वर्चुअल जन्मदिन मनाकर कोरोना विस्फोट के बड़े खतरे को टाला है। इसी राह पर मंदसौर विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया भी चले, उन्होंने व्यक्तिगत मुलाकात की बजाय सोशल मीडिया पर वैक्सीन के दोनों डोज के सर्टिफिकेट भेजकर जन्मदिन का उपहार देने की अपील की। इसका भी व्यापक असर दिखाई दिया। कोरोना के दौर में दोनों नेताओं का यह नवाचार काबिले तारीफ और दूसरे नेताओं के लिए अनुकरण योग्य है। जबकि राजनैतिक दलों और नेताओं पर बैठक, सभा, आयोजन और मेल-मुलाकात करके खतरे में डालने के आरोप लग रहे हैं, इस तरह के नवाचार उदाहरण पेश कर रहे हैं।

आखिरकार ग्रुप से रिमूव किए गए अफसर

आईपीएस अफसरों का एक वॉट्स एप ग्रुप बेहद ही संजीदा है। लेकिन बीते दिनों यहां एक रिटायर्ड अफसर ने ऐतिहासिक तथ्यों का विश्लेषण करते हुए एक ऐसी पोस्ट की जिसे एक समुदाय के लोग नाराज़ हो सकते थे। इस पोस्ट पर एक सीनियर मोस्ट अफसर ने टिप्पणी करते हुए लिखा कि पोस्ट हटा ली जाए। काफी इंतज़ार के बाद भी पोस्ट हटाई नहीं गई। मामले को गंभीरता से लिया गया और चर्चा फोन पर शुरू हो गई। नतीजा निकला कि रिमूव कर दिया जाए। इसके बाद अफसर को रिमूव कर दिया गया। अब ग्रुप पर साफ-सुथरी पोस्ट की जाने लगी हैं। बता दें कि ये वॉट्स एप ग्रुप अनौपचारिक नहीं है। प्रॉपर कम्यूनिकेशन के लिए बनाया गया है। ग्रुप में कई गंभीर बातों पर चिंतन किया जाता है और जिम्मेदार अफसर टिप्पणियां भी करते हैं। यह पहली दफा है कि इस ग्रुप की चर्चा बाहर हो रही है।

होस्टल बंद पर भोजन का बजट खत्म

सीएम शिवराज के साथ मीटिंग में सब ठीक रहे इसके लिए मंत्री और अफसर अलग-अलग भी मीटिंग करते हैं और साथ-साथ भी। ये मीटिंग इसलिए की जाती है कि सीएम के साथ मीटिंग में कहीं कुछ झोलझाल नहीं हो। एक-एक पॉइंट पर गहरी नजर रखी जाती है। इसी तरह की एक मीटिंग का एक अनोखा किस्सा सुनिए। होस्टल संभालने वाले इस विभाग ने बारीकी से तैयारी की तो बजट पर भी चर्चा हुई। सारा बजट ठीक से खर्च होने का पता लगाया जा रहा था। तभी एक पाइंट रखा गया कि जब कोविड प्रोटोकॉल के कारण पूरे साल होस्टल खुले ही नहीं तो होस्टल में रहने वालों के भोजन का बजट कैसे खत्म हो गया? दूसरे किसी भी विभाग के होस्टल भी पूरे साल बंद ही रहे। मामले का हल खोजे जाने की कोशिश लगातार जारी है।

कोरोना की दहशत में नया मंत्रालय भवन

कोरोना की तीसरी लहर में मंत्रालय भवन भी आ रहा है। इसकी दहशत में अफसर-कर्मचारियों में साफ दिखाई दे रही है। पुराना भवन तो खुला-खुला है। लेकिन नए भवन का सेंट्रलाइज़्ड एयर कंडीशनर सिस्टम मंत्रालय में जाने वालों को भयभीत कर रहा है। यहां एक अफसर हाल ही के दिनों में पॉजिटिव आए हैं। वे सैंपल देकर सीएम की मीटिंग में प्रेजेंटेशन देने पहुंच गए थे। शाम को रिपोर्ट आने पर पता लगा कि वे तीसरी लहर की चपेट में आ गए हैं। इसके बाद दहशत का माहौल लगातार बढ़ रहा है। कोरोना के पिछले दोनों लहरों में मंत्रालय का नया भवन चपेट में रहा है। दूसरी लहर में तो जमकर कर्मचारी विरोध हुआ। अब लगातार केस बढ़ने पर कर्मचारी विरोध एक बार फिर पैर पसार रहा है। कई अफसर तो अपने दूसरे दफ्तरों का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन जिनके पास ये सुविधा नहीं है, वे खतरे के बीच कामकाज को मजबूर हैं।

दुमछल्ला…

नरेंद्र सलूजा खूब चर्चाओं में हैं। कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डिनेटर के पास वैसे कमल नाथ का जिम्मा है लेकिन वे व्यक्तिगत रूप से बीजेपी को घेरने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। इधर, बीजेपी ने कुछ किया नहीं कि उधर से जवाब का वार हो जाता है। बीते विधानसभा सत्र के दौरान जब वे भूपेंद्र गुप्ता के साथ परिसर में टहलते नजर आए तो सीएम के ओएसडी उन्हें सीएम शिवराज से मिलवाने ले गए। सीएम ने टिप्पणी की, अच्छे आदमी हैं पर गलत जगह हैं। इस टिप्पणी के बाद वे चर्चाओं में आ गए। अब वे चर्चाओं में हैं, पत्रकारों की तरह ‘कटाक्ष लेखन’ की वजह से। कही-अनकही के नाम से वे सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं जो चंद मिनिटों में चर्चाओं का विषय बन जाती हैं। उनकी ये नई तरकीब इन दिनों खूब सलूजा को खूब सुर्खियों में ला रही हैं।

(संदीप भम्मरकर की कलम से)