युकेश चंद्राकर, रायगुणा(बीजापुर)। बीजापुर के रायगुणा में 16ग्रामीणों के घर जलाने का आरोप ग्रामीणों ने सुरक्षा बलों पर लगाया है. सीआरपीएफ ने दावा किया था कि ये आगज़नी नक्सलियों ने की है. लेकिन ग्रामीण सीआरपीएफ के दावे को झूठा बता रहे हैं. उनका कहना है कि आग सीआरपीएफ के जवानों ने लगाई है यही नहीं वहां की महिलाओं से बलात्कार और गोली मारने की धमकी दी है.
गौतलब है कि सीआरपीएफ के दो सिपाहियों ने 18 मई को चिंंतानार थाने में नक्सलियों द्वारा रायगुणा में आग लगाने की एफआईआर दर्ज कराई थी. लल्लूराम डॉट कॉम के निशानेबाज़ युकेश चंद्राकर उस गांव में पहुंचे और ग्रामीणों से बात की. जो बात ग्रामीणों ने बताई वो सीआरपीएफ की शिकायत के ठीक उलट थी.
दरअसल 12 से 15 मई तक नक्सलियों के खिलाफ चलाए अब तक के सबसे बड़े अभियान के दौरान बीजापुर सीमा पर सुकमा के रायगुड़ा में आदिवासियों के 16 घर जला दिए गए थे. इसमें राशन व घर-गृहस्थी का सामान भी खाक हो गया थछा। भीषण गर्मी में छत छिन जाने से 9 परिवारों के 30 लोग बेघर हो गए, जो एक ही जाति के हैं. इनका आरोप है कि 14 मई की सुबह पास के चिन्नााबोडकेल में मुठभेड़ के बाद वापसी में जवानों ने उनके घर जलाए. फिर 18 मई को सुकमा के 2 जवानों ने आगजनी के लिए नक्सलियों को जिम्मेदार ठहराते हुए चिंतलनार थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी.
गौरतलब है कि सी रायगुड़ा की जहां के जंगलों में सीआरपीएफ ने 20 माओवादियों को मार गिराने का दावा किया है. लेकिन इन दावों का सच अब तक सामने नहीं आ सका है. आदिवासियों ने सुरक्षा बलों के जवानों पर आदिवासियों ने घर जलाने और मारने-पीटने का आरोप लगाया है. पीड़ित आदिवासियों ने बताया कि सुरक्षा बल के जवानों ने उन्हें धमकाया. ग्रामीण उन जवानों का नाम गणेश, देवा, रमेश और मुंगो बताए हैं.