नासिर बेलिम, उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन से इस वक्त की बड़ी खबर आई है। शैव अखाड़े (Shaiv ​​Akhara) ने खुद को वैष्णव अखाड़े (Vaishnav Akhara) से अलग कर लिया है। वैष्णव अखाड़े के संतों की मनमानी और हठधर्मिता से आहत शैव अखाड़ों ने खुद को अलग किया है। बुधवार को बड़नगर रोड स्थित श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा ( Shree Panchayati Niranjani Akhara) में शैव अखाड़े के संतों ने बैठक की। बैठक में वैष्णव अखाड़े के संतों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए खुद को अलग कर लिया। साथ ही शैव संतों ने बैठक कर खुद का ‘शंभू दल सन्यासी मंडल’ ( Shambhu Dal Sanyasi Mandal) बनाया है। कुंभ नागरी उज्जैन (Kumbh Nagari Ujjain) में पहली बार ऐसी स्थिति बनी है।

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फैसले के बाद अब  शैव अखाड़ों के कार्यक्रम में वैष्णव अखाड़ों के संत शामिल नहीं होंगे। साथ ही संत डॉ. अवधेश पुरी सहित अन्य संतों का कथित बहिष्कार भी समाप्त हो गया है। फैसले के बाद शैव संतो के बीच के अन्य पुराने विवाद भी खत्म हो गए हैं।

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