कपिल मिश्रा,शिवपुरी। सीएम हमें दुखी कर रहे हैं. हमारी बेइज्जती करवा रहे हैं. हम अगली बार शिवराज को सीएम बनने में मदद नहीं कर पाएंगे. नायक फ़िल्म जैसे एक दिन का प्रधान बनाया गया, फिर अधिकार छीन लिए गए. अब हमारे पावर हमें वापिस नहीं किए गए, तो राजधानी भोपाल की सड़कें जाम कर देंगे. यह कहना है मध्य प्रदेश के सरपंचों का.

शिवराज सरकार ने प्रदेश भर के 23 हजार 400 सरपंचों को पंचायत चुनावों की आचार संहिता समाप्त होने के बाद 4 जनवरी को एक आदेश जारी कर सरपंचों को पंचायत का प्रधान बना दिया था, लेकिन एक दिन बाद ही 5 जनवरी को दूसरा आदेश जारी कर उनके सभी अधिकार और पावर छीन लिए. सरकार के इस फैसले से व्यथित हुए सरपंच अब बेहद दुखी है. इसे अपना अपमान मान रहे हैं.

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यही वजह है कि आज जिले भर के सैंकड़ों सरपंच आज कलेक्ट्रेट पर एकत्रित हुए और खुद के अधिकार वापिस करने की मांग को लेकर सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा. सरपंचों ने सीएम को खुली चेतावनी दी है कि अगर उन्हें उनके अधिकार वापिस नहीं किए, तो वह उन्हें अगली बार सीएम बनवाने में उनकी मदद नहीं कर पाएंगे.

सरपंचों के अनुसार सरकार की मंशा चुनाव कराने की नहीं, बल्कि इस बहाने से उनके अधिकार और पावर छीनने की थी. सरपंचों ने उनके अधिकार वापिस नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है. बता दें कि पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर चुनाव निरस्त कर दिए गए हैं. केंद्र और राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 4 महीने के लिए चुनाव टालने की मांग की है.

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