कुमार इंदर,जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच से प्रिंसिपल सीट हटाने के नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुनवाई की गई. मामले में मुख्य न्यायाधीश रवि विजय मलिमठ ने एक अहम फैसला सुनाते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की प्रिंसिपल सीट को जबलपुर से हटाने के नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया. मुख्य न्यायधीश ने कहा कि प्रिंसिपल सीट से ही जबलपुर हाईकोट की पहचान है. लिहाजा नोटिफिकेशन को खारिज कर मामले का पटाक्षेप कर दिया.

प्रिंसिपल सीट के मायने

दरअसल जहां प्रिंसिपल सीट होती है, वहीं पर हाईकोट होता है. इसे इस तरह भी समझा जा सकता है कि हाईकोट की पहचान या उसका अस्तित्व ही प्रिंसिपल सीट से होता है. यहीं प्रिंसिपल सीट जबलपुर हाईकोट से अलग करने के प्रयास किया जा रहा था. जिससे हाईकोट की मुख्य बैंच का अस्तित्व ही खतरे में आ गया था.

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क्या है मामला और कब क्या हुआ ?

बता दें कि नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि भारत के राष्ट्रपति ने 27 अक्टूबर 1956 को आदेश जारी कर जबलपुर में मधयप्रदेश हाईकोर्ट को प्रिंसिपल सीट घोषित किया था. लिहाजा हाईकोर्ट को राष्ट्रपति के आदेश को रद्द करने का अधिकार नहीं है. इसके बावजूद भी हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने हाईकोर्ट नियम 2008 में किए गए संशोधनों का हवाला देकर 8 अक्टूबर 2021 को मप्र राजपत्र में नोटिफिकेशन जारी कर दिया. जबलपुर के आगे प्रिंसिपल सीट शब्द विलोपित कर दिया गया था. याचिका में रजिस्ट्रार जनरल ने नोटिफिकेशन को अवैधानिक व अल्ट्रा वायरस बताया गया था.

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