कोलकाता। कोविड-19 मामलों की संख्या में वृद्धि के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग से चार नगर निगमों में होने वाले चुनाव को कम से कम चार से छह सप्ताह के लिए स्थगित करने पर विचार करने को कहा।
आयोग को मामले पर अपना पक्ष रखने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया है।
मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की खंडपीठ बिमल भट्टाचार्य द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें तर्क दिया गया था कि कोविड-19 की बढ़ती स्थिति को देखते हुए, नागरिक या निकाय चुनावों को स्थगित कर दिया जाना चाहिए। पश्चिम बंगाल वर्तमान में उन राज्यों में शुमार है, जहां कोरोनावायरस के सबसे अधिक मामले देखने को मिल रहे हैं।
राज्य के चुनाव आयोग ने घोषणा की थी कि चार नगरपालिकाओं – आसनसोल, बिधाननगर, सिलीगुड़ी और चंदननगर में चुनाव 22 जनवरी को होंगे और मतगणना 25 जनवरी को होगी। इसके बाद जनहित याचिका दायर की गई थी।
आसनसोल नगर निगम, बिधाननगर नगर निगम, चंदननगर नगर निगम, दुगार्पुर नगर निगम, हावड़ा नगर निगम और सिलीगुड़ी नगर निगम सहित पश्चिम बंगाल के सात नगर निगमों में चुनाव होने हैं।
गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और आयोग ने एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोपने की कोशिश की। राज्य चुनाव आयोग की ओर से पेश अधिवक्ता जयंत मित्रा ने कहा कि आयोग चुनाव रोकने का फैसला नहीं ले सकता, क्योंकि यह राज्य की जिम्मेदारी है।
मित्रा ने कहा, कानून के मुताबिक आयोग पूर्व घोषित चुनाव को रद्द नहीं कर सकता, लेकिन अगर राज्य में आपदा प्रबंधन कानून लागू होता है तो चुनाव रद्द करना होगा।
वहीं, राज्य की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि चुनाव रद्द करने का अधिकार सिर्फ आयोग के पास है और राज्य का इससे कोई लेना-देना नहीं है। खंडपीठ ने राज्य और आयोग दोनों से इस मामले में समन्वय की कमी के बारे में पूछा। अदालत ने शुक्रवार को आयोग को इस मुद्दे पर अंतिम फैसला लेने का निर्देश दिया।