मुंबई. वित्त मंत्री अरुण जेटली भले ही आंकड़ों की बाजीगरी करके लोगों को बजट की खासियतें गिना रहे हों लेकिन भारतीय बाजारों ने जेटली के बजट को बिल्कुल भी पसंद नहीं किया है. आम बजट पेश करने के अगले ही दिन सेंसेक्स 840 अंकों की गिरावट के साथ लहूलुहान हो गया. ज्यादातर कंपनियों के शेयर लाल निशान में चल रहे थे. वहीं निफ्टी का हाल भी खासा बुरा था. निफ्टी जहां 257 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ वहीं सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में करीब ढ़ाई परसेंट की गिरावट दर्ज की गई.
दरअसल वित्त मंत्री ने बजट में घोषणा कर दी है कि अब आपको शेयर से कमाई पर तगड़ा टैक्स भरना होगा. लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लागू होने के बाद आपको शेयर से कमाई करने पर अब ज्यादा टैक्स भरना पड़ेगा. यानि अगर एक साल के बाद अगर कोई शेयर आप खरीदते या बेचते हैं तो उससे जो भी कमाई हुई उस पर टैक्स लगेगा. खास बात ये है कि अभी तक शेयरों पर शार्ट टर्म टैक्स लगता था. कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार इस टैक्स को लगाने से हमेशा बचती रही क्योंकि उसे डर था कि ऐसा करने से लोग निवेश करने से बचेंगे और निवेशकों को बाजार की तरफ आकर्षित नहीं किया जा सकेगा. अगर बाजार के रुख को देखें तो साफ पता चलता है कि निवेशकों को सरकार का ये कदम बिल्कुल भी पसंद नहीं आया है.
गौरतलब है कि बजट पेश करने वाले दिन यानि एक फरवरी को भी जैसे ही वित्त मंत्री ने लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की घोषणा की बाजार लाल निशान पर पहुंच गया था. एक फरवरी को भी बाजार ने 450 अंकों का गोता लगाया था वहीं निफ्टी भी 100 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ था.
अरुण जेटली के बजट में बाजार के लिए कुछ भी नहीं है. न तो कुछ ऐसा है जो कि निवेश को आकर्षित कर सके. इसलिए अगले कारोबारी हफ्ते में बाजार में बड़ी गिरावट फिर देखी जा सकती है. अगर आप अगले हफ्ते निवेश की रणनीति बना रहे हैं तो बाजार में संभल कर निवेश करें क्योंकि इस समय मार्केट का सेंटीमेंट बेहद निराशाजनक है. उद्योंगो के लिए या बाजार को उत्साहित करने वाला बजट बिल्कुल भी नहीं थी इसलिए आप भी सतर्क हो जाएं क्योंकि निफ्टी औऱ सेंसेक्स की तेजी में फिलहाल ब्रेक लगने की संभावना है. खासकर बैंक, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग और ब्लू चिप कंपनियों के शेयरों को दूर से देखकर ही मजा लीजिए. हेल्थ और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों पर नजर रखें क्योंकि मेडिकल केयर के दायरे में लोगों को लाने की मोदी की घोषणा का असर इन कंपनियों के शेयरों पर हो सकता है.