कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने प्रशासन से कोरोना की तीसरी लहर की रोकथाम के उपायों पर  जानकारी तलब की है. दरअसल, हाईकोर्ट ने डेंगू और मलेरिया को लेकर लगाई गई जनहित याचिका को विस्तारित किया है. कोर्ट ने वर्चुअल सुनवाई करते हुए कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह, नगर निगम के उपायुक्त अतेंद्र गुर्जर, सीएमएचओ डॉ मनीष शर्मा और जयारोग्य अस्पताल समूह के अधीक्षक डॉ आर के एस धाकड़ से कोरोना संक्रमण से निपटने के इंतजामों और टीकाकरण को लेकर विस्तृत जानकारी तलब की है.

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कोर्ट ने पूछा कि कितने लोगों को अभी तक बूस्टर डोज लगी है. साथ ही 12 से 18 साल तक के बच्चों के वैक्सीनेशन की क्या स्थिति है. वहीं सीएमएचओ ने बताया गया कि 94 प्रतिशत पात्र बच्चों को वैक्सीन लगाई गई है. कोर्ट ने ये भी पूछा कि बूस्टर डोज लगवाने के लिए आपने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रचार-प्रसार के लिए क्या उपाय किए हैं. इस पर सीएमएचओ ने अपने विभाग द्वारा भोपाल से ही प्रचार प्रसार करने की बात कही.

नगर निगम के उपायुक्त गुर्जर से कोर्ट ने पूछा कि डेंगू-मलेरिया और कोरोना के प्रभाव को रोकने के लिए अभी तक क्या-क्या उपाय किए गए हैं. कितने इलाकों में फागिंग की गई है कोरोना के कारण कई लोगों की रोटी-रोजी पर फर्क पड़ा है ऐसे लोगों को नगर निगम प्रशासन किस तरह से मदद कर रहा है. इस पर उपायुक्त ने कहा कि फिलहाल स्थिति कंट्रोल में है और लोगों पर इसका ज्यादा असर नहीं हुआ है.

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कोर्ट ने सीएमएचओ और अधीक्षक से यह भी पूछा कि 1000 बिस्तर वाले अस्पताल को शुरू करने के लिए मेन पावर की जो कमी है उसको लेकर उन्होंने क्या प्रयास किए हैं इस पर दोनों स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अपनी तरफ से शासन को पत्र लिखा है. कोर्ट ने कहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी होनी चाहिए, यदि किसी तरह की समस्या से आप लोग जूझ रहे हैं तो कोर्ट को बताएं. कोर्ट सरकार को इस मामले में पक्षकार बनाकर स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने की कोशिश करेगा. वहीं कोर्ट ने कलेक्टर को निर्देशित किया है कि वे सीएमएचओ द्वारा अपनी रिपोर्ट में बताई गई सुविधाओं की जांच-पड़ताल कराएं और उससे कोर्ट को भी अवगत कराएं.

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