नई दिल्ली. क्या 2004 की तरह कांग्रेस ही विपक्षी एकता की धुरी बनेगी. ये सवाल इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की स्वीकार्यता सवालों के घेरे में रहती है. इस बीच कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला ने एक इंटरव्यूह में दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ही विपक्षी दलों की एकता की धुरी बनेगी और केवल राहुल गांधी ही पीएम नरेन्द्र मोदी का विकल्प होंगे. सुरजेवाला कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख और मुख्य प्रवक्ता हैं. एक साक्षात्कार में  उन्होंने यहां तक कह दिया कि मोदी का विकल्प केवल और केवल राहुल हैं. कोई और नहीं हो सकता. कांग्रेस और देश के लोग राहुलजी को देश का अगला प्रधानमंत्री देखना चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की राजनीति सादगी, सरलता और साफगोई परआधारित है. वे अपनी बेबाकी, पारदर्शिता और ईमानदारी के लिए मशहूर हुए हैं. वे कठोर निर्णय लेने से भी कभी नहीं डरते. विपक्षी एकता के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि बीजू जनता दल, शिवसेना और अब टीडीपी धीरे-धीरे एनडीए से अलग हो रहे हैं. जबकि कांग्रेस विभिन्न दलों की एकता की धुरी बनती जा रही है. यह एकता 2019 में बदलाव का आधार बनेगी.

महत्वपूर्ण है कि टीडीपी आंध्र को पैकेज न मिलने से नाराज़ है. उसकी नाराज़गी का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विजयवाड़ा में आज संसदीय बोर्ड की बैठक है. वहां बैठक से पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने चंद्रबाबू नायडू को फोन करके अपील की है कि वे कोई कठोर निर्णय न लें. इससे पहले शिवसेना साफ कर चुकी है कि वो 2019 में बीजेपी से साथ नहीं लड़ेगी. लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी लगातार हार रही है. अब उसे 2019 तक सिंगल पार्टी मजोरिटी बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.

इस साल कर्नाटक सहित आठ राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की रणनीति पूछे जाने पर सुरजेवाला ने कहा कि तरक्की के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण राज्य कर्नाटक में कांग्रेस फिर से सत्ता में आएगी. हमने जिस तरह से कर्नाटक में विकास का एक मॉडल पेश किया है, चाहे वह ईवे बिल हो या कर्नाटक सरकार की अन्य योजनाएं हों, अब भारत सरकार भी मानती है कि उनका पूरे देश में क्रियान्वयन होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगले चरण में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान आदि में जो चुनाव होंगे, उनका ट्रेलर दो दिन पहले राजस्थान के उप-चुनाव में आ चुका जहां कांग्रेस ने दो लोकसभा एवं एक विधानसभा सीट जीती. वर्ष 2018 में कर्नाटक, मेघालय, त्रिपुरा, नगालैंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में विधानसभा के चुनाव होने हैं.

पार्टी अध्यक्ष के तौर पर राहुल गांधी की तीन प्राथमिकताएं पूछे जाने पर सुरजेवाला ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता है अखिल भारतीय कांग्रेस और देश भर में इसकी इकाइयों के संगठन का पुनर्गठन और बदलाव. उनकी अन्य प्राथमिकता एक ऐसे विजन को तैयार कर लागू करना है जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित लाभ मिल सके. इस विजन में निजी एवं सरकारी क्षेत्रों में नौकरियों के सृजन के उपाय होंगे. उन्होंने कहा कि मोदी के मॉडल में 12 उद्योगपतियों की मदद है जबकि राहुल गांधी के मॉडल में मध्यम एवं लघु उद्योग क्षेत्र को प्राथमिकता देकर उनके लिए मौके, बाजार और ऋण उपलब्ध कराना होगा. उन्होंने कहा कि तीसरी प्राथमिकता है सामाजिक शांति एवं भाईचारे की बहाली.

राहुल के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी का पहला महाधिवेशन कब होगा, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी इसकी तारीख निश्चित नहीं हुई है। किंतु वर्ष 2019 और उसके बाद के समय में इस देश की संरचना के लिए एक नयी दृष्टि कांग्रेस इस अधिवेशन के माध्यम से देश को देगी.