सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। मैं नहीं पहनूंगा मास्क जो करना है कर लो. मैं कोरोना को नहीं मानता, मैं पॉज़िटिव नहीं हूँ, मैं मास्क नहीं पहनूंगा. जेल भेजना है भेज दो कोर्ट भेजना है भेज दो. कुछ इस तरह के तेवर थे अमितेश अग्रवाल के, जिन्हें मास्क नहीं पहनने पर जब एपेडमिक कंट्रोल टीम ने रोका तो बहस करने लगे, दस-पंद्रह मिनट नहीं बल्कि पूरे दो घंटे तक. आलम यह रहा कि टीम को पुलिस बुलानी पड़ गई, जिसके साथ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी की जा रही है.
कोरोना की तीसरी लहर में हॉट स्पॉट बन चुके रायपुर में लोग अभी भी समस्या को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं, उल्टे समझाइश देने पर बहसबाजी पर उतारू हो जा रहे हैं. यह वजह है कि कोरोना एडवाइजरी पालन कराने के लिए चौक चौराहों में तैनात एपेडमिक कंट्रोल टीम को रोजाना अमितेश अग्रवाल जैसे लोगों का सामना करना पड़ रहा है.
गुरुवार को राजधानी के वीआईपी रोड में चेकिंग के दौरान टीम का सामना अमितेश से हो गया. दो घंटे की बहस के बाद भी जब शख्स नहीं माना तो टीम को लीड करने वाली अधिकारी मौके पर पहुंची. निगम के स्वास्थ्य अधिकारी तृप्ति स्वर्णकार ने कहा बताया कि मास्क नहीं पहनने की वजह से अमितेश अग्रवाल के रोका गया है. जुर्माना देने की जगह अमितेश अग्रवाल टीम के कर्मचारी और हम लोगों से दुर्व्यवहार किया जा रहा है. पुलिस को बुलाया गया है. एपेडमिक कंट्रोलर अधिनियम के तहत FIR दर्ज कराया जाएगा.
तृप्ति स्वर्णकार ने साथ ही लोगों से अपील की कि कोरोना के संक्रमण को देखते हुए सभी से प्रोटोकाल का पालन करने का आग्रह किया जा रहा है. यह न केवल आपकी बल्कि आपके परिवार, समाज और देश की भलाई के लिए है. अगर हम सावधानी बरतेंगें तो उतनी ही जल्दी हमें इस संक्रमण से निजात मिलेगी.