कुमार इंदर, जबलपुर। शहर में बेमौसम बारिश की मार और अधिकारियों की बेरुखी ने किसानों को हर तरफ से परेशान कर दिया है। अचानक हुई बारिश से धान भीगा हो या फिर समय पर तुलाई ना होना। कुछ वेयरहाउस पर प्रशासन की मेहरबानी ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है।

जबलपुर जिले में पिछले दिनों हुई बारिश और खराब मौसम की वजह से किसानों पर चौतरफा मार पड़ी है। बारिश और ओला की वजह से एक तो किसानों की फसल खराब हो हो गई है वहीं दूसरी तरफ खरीदी केंद्रों में समय पर तुलाई नहीं होने से किसानों का अनाज भीग गया है। कई जगह अब तक किसानों की धान खरीदी नहीं हो पाई है और आज ही धान खरीदी की अंतिम तारीख की है।

वहीं दूसरी तरफ भारतीय किसान संघ ने भी सरकार को खुली चुनौती दे दी है। यदि धान खरीदी की तारीख नहीं बढ़ाई गई या फिर फसल को हुए नुकसान का भुगतान नहीं किया गया, तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन करेंगे। किसान संघ के प्रांतीय महामंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा है कि यदि उनकी समस्या नहीं सुनी गई तो खरीदी केंद्रों के बाहर पड़े धान को उठाकर कलेक्टर कार्यालय में ढेर लगा देंगे।
पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक अजय विश्नोई भी इस बात को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। मौसम की मार के अलावा धान खरीदी में हो रही लापरवाही की वजह से हजारों किसानों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। धान की तुलाई समय पर होना चाहिए।

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एक तरफ किसान हलकान है। प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान खुद ऐलान कर चुके हैं कि जहां भी फसलों की बर्बादी हुई है उनको भुगतान किया जाएगा। समय पर तुलाई की जाएगी लेकिन जिले के विपणन अधिकारी पीयूष बघेल इन सारी बातों को नकार रहे हैं। उनका कहना है कि कहीं पर कोई कोताही नहीं है समय पर सारी चीजें सुचारू रूप से चल रही है। यही नहीं कई खरीदी केंद्रों में तो किसानों की बेतहाशा भीड़ लग रही है ना तो वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है और ना ही कोरोना प्रोटोकॉल का पालन। विपणन अधिकारी कह रहे हैं ऑल इज वेल।

आलम यह है कि कुछ वेयरहाउस पर इतनी मेहरबानी बरती जा रही है कि, वो उनकी क्षमता से कई गुना ज्यादा वह धान खरीद रहे हैं। इसका नतीजा यह हो रहा है कि उनके पास रखने की क्षमता ना होने की वजह से धान खुले आसमान में नीचे पड़े पड़े भीग रहा है।

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