नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के सबसे विख्यात कॉलेजों में से एक हंसराज कॉलेज की भूमि पर ‘गौ संवर्धन एवं अनुसंधान केंद्र’ खोल दिया गया है. दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र कॉलेज के इस निर्णय से खासे नाराज हैं. छात्रों का कहना है किचन गौशाला खोली गई है, उस स्थान पर हंसराज कॉलेज की छात्राओं के लिए हॉस्टल बनाया जाना प्रस्तावित था. छात्रों की इस नाराजगी पर हंसराज कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ रमा ने स्वीकार किया कि कॉलेज में ‘स्वामी दयानंद संवर्धन एवं अनुसंधान केंद्र’ खोला है, जिसमें एक गाय भी रखी गई है.

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कॉलेज प्रशासन ने आरोपों से किया इनकार

हालांकि कॉलेज प्रशासन ने इस बात से इनकार किया है कि जिस स्थान पर गाय रखी गई है, वहां लड़कियों का हॉस्टल बनाया जाना था. कॉलेज ने आरोपों से साफ इनकार करते हुए कहा है कि उस स्थान का गर्ल्स हॉस्टल से लेना-देना नहीं है. कॉलेज प्रशासन का कहना है कि फिलहाल कॉलेज में 30 बेड वाले मिनी हॉस्टल का काम चल रहा है, जो अगले वर्ष तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके साथ ही हंसराज कॉलेज में 100 बेड का एक बड़ा गर्ल्स हॉस्टल भी बनना है. फिलहाल इस बड़े हॉस्टल का काम अभी शुरू नहीं हो सका है. छात्रों का आरोप है कि इसी हॉस्टल की जगह पर गाय रखी गई है.

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छात्र संगठन एसएफआई ने कहा कि हम हंसराज कालेज में एक गौशाला के निर्माण की निंदा और विरोध करते हैं, जिसे स्वामी दयानंद गाय-संरक्षण और अनुसंधान केंद्र कहा जाता है. यह भूमि एक महिला छात्रावास के लिए आरक्षित थी, जिसका निर्माण कई वर्षों से रुका हुआ है. एसएफआई ने कहा कि 2019 में प्रिंसिपल – डॉ. रमा ने एक साक्षात्कार में महिला छात्रावास की आवश्यकता पर जोर दिया था. एनसीआर के अलावा अन्य क्षेत्रों से आने वाली महिलाओं को शहर में सुरक्षित और किफायती आवास मिलना बहुत मुश्किल होता है. उनके लिए परिसर में एक छात्रावास की सुविधा की आवश्यकता है.

 

छात्राओं ने गर्ल्स हॉस्टल की बताई जरूरत

छात्राओं का कहना है कि वे एक छात्रावास के साथ एक कॉलेज में प्रवेश पसंद करती हैं, क्योंकि उनके माता-पिता अधिक सहज महसूस करते हैं यदि उन्हें बाहर किराए के स्थान के बजाय परिसर में बनाया जाता है, तो यह अधिक सुरक्षित है. एसएफआई का कहना है कि हमारे आश्चर्य की कल्पना कीजिए जब हमें पता चलता है कि परिसर को बंद कर दिया गया है और कॉलेज ने बिना किसी चेतावनी या छात्र समुदाय के साथ चर्चा के एक पूर्ण गौशाला का निर्माण कर लिया है. दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर आभा देव हबीब ने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उनका कहना है कि इस प्रकार गर्ल्स हॉस्टल की भूमि पर गौशाला का निर्माण न केवल गलत बल्कि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है.