सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। नौकरी से निकाले जाने के बाद भटक रहे प्रदेशभर के आयुष्मान मित्रों ने राजधानी रायपुर पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई. आयुष्मान मित्रों की मांग है कि निजी अस्पताल को आयुष्मान मित्र की नियुक्ति का अधिकार तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए नौकरी पर स्थाई करने के साथ वेतन वृद्धि की जाए.

आयुष्मान मित्र डिगेश्वर साहू ने लल्लूराम डॉट कॉम से चर्चा में बताया कि ग़लत तरीक़ा से हमें नौकरी से निकाल दिया गया है. नोटिस के नाम पर खानापूर्ति की गई है. हमारे काम पर ही छत्तीसगढ़ को नेशनल अवार्ड मिला है, और आज हमें ही बेरोज़गार कर दिया गया है. उन्होंने विभाग की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अब निजी हॉस्पिटल को इसकी ज़िम्मेदारी दी गई है, तो यहाँ कहीं न कहीं कमीशनखोरी की बू आ रही है, क्योंकि निजी हॉस्पिटल की मनमानी हम सभी जानते हैं.

उन्होंने कहा कि अब उनके हाथ में आयुष्मान योजना को दे दिया गया है तो समझा जा सकता है कि किस हद तक मरीज़ परेशान होंगे. उन्होंने कहा कि अब हालात यह हो गया कि कोई मिल रहे हैं, न सवाल का कोई जवाब दे रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री को लेकर ज़िम्मेदार अधिकारियों को ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन कोई सवाल का जवाब नहीं दे रहे हैं.