चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को अमृतसर (पूर्व) से अपना नामांकन दाखिल किया और अपने चिर प्रतिद्वंद्वी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को इस सीट से ही लड़ने की चुनौती दी. सिद्धू ने नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद मीडिया से कहा कि “अगर आपमें हिम्मत है और लोगों पर भरोसा है, तो मजीठा को छोड़कर यहां एक सीट से लड़ो। लड़ो! क्या तुममें हिम्मत है ?” सिद्धू ने कहा कि वे लूट का खेल खेलने आए हैं, लेकिन इस ‘धर्म युद्ध’ में सफल नहीं होगे. मजीठिया ने शुक्रवार को अमृतसर (पूर्व) से अपना पर्चा दाखिल किया और क्रिकेटर से नेता बने को ‘धोखाधड़ी और धोखा’ करार दिया.
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चुनावी लड़ाई दो दिग्गजों सिद्धू बनाम मजीठिया, शिअद के सबसे शक्तिशाली नेताओं में से एक की भिड़ंत बन गई है. अमृतसर (पूर्व) निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के अलावा मजीठिया (जो शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल के बहनोई हैं) अमृतसर के पास मजीठा से भी चुनाव लड़ रहे हैं. इस सप्ताह अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए बादल ने कहा कि मजीठिया सिद्धू के खिलाफ “अपने अहंकार को खत्म करने के लिए” चुनाव लड़ेंगे.
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सिद्धू-मजीठिया की जोड़ी विधानसभा में कई मौकों पर तीखी नोकझोंक कर चुकी है. सिद्धू मजीठिया के खिलाफ ड्रग कार्टेल के साथ कथित संबंधों को लेकर निशाना साधते रहे हैं. पिछले महीने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया, मजीठिया को 31 जनवरी तक सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी से सुरक्षा मिली है. कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली अमृतसर (पूर्व) सीट (जो 2012 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई) ने सिद्धू और उनकी नामी पत्नी नवजोत कौर का समर्थन किया है. 2017 में क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू ने न केवल अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वी राजेश हनी को 42,000 से अधिक मतों के बड़े अंतर से हराया, बल्कि अमृतसर जिले की 11 में से 10 सीटें जीतकर पार्टी के लिए गेम-चेंजर की भूमिका भी निभाई, जो कभी शिअद-भाजपा गठबंधन का गढ़ हुआ करता था.
सिद्धू ने विरोधियों पर साधा निशाना
नवजोत सिद्धू ने बिक्रम मजीठिया, सुखबीर बादल और कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा. सिद्धू ने कहा कि अकाली दल अपनी नीतियों के कारण पिछली बार 15 सीटों पर सिमट गई थी और अब ये सीटें भी नहीं आएंगी. पूरा पंजाब जानता है कि अकाली दल ने सिर्फ गुंडागर्दी की है. वह अकाली ही थे, जिन्होंने पहले लड़की को छेड़ा, जब उसके बचाव में ASI पिता आगे आया तो उसे गोलियों से मार दिया. अकाली दल के सबसे सीनियर प्रकाश सिंह बादल को 90 साल की उम्र में लोगों का गुस्सा झेलना पड़ा, उन पर जूतियां फेंकी गईं और गोबर गाड़ियों पर फेंका गया.
बिक्रम मजीठिया को चैलेंज
सिद्धू ने बिक्रम मजीठिया को चैलेंज किया कि अगर वह इतने ही पाक-साफ हैं, तो एक सीट से चुनाव लड़ें. उन्होंने कहा कि मजीठिया को सिर्फ सुखबीर बादल के रिश्तेदार होने का फायदा मिला.
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