स्पोर्ट्स डेस्क. आज से ठीक 16 साल पहले भारत के दिग्गज फिरकी गेंदबाज अनिल कुंबले जबड़ा टूटने के बाद भी मैदान पर उतरे और कमाल किया. ठीक कुछ ऐसा ही काम किया है दिल्ली के दिलेर खिलाड़ी उन्मुक्त चंद ने. अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं जब भारत अंडर-19 वर्ल्ड कप में चैंपियन बना. ये कमाल भारत ने पृथ्वी शॉ की कप्तानी में किया. साल 2012 में भारत को उन्मुक्त चंद अपनी कप्तानी में अंडर-19 वर्ल्ड कप दिला चुके हैं और अब टूटे हुए जबड़े के साथ खेलते हुए शतकीय पारी खेल दी.
टूटे जबड़े के साथ जड़ा शतक
विजय हजारे ट्रॉफी में दिल्ली और उत्तरप्रदेश का मुकाबला था. जहां दिल्ली टीम के सलामी बल्लेबाज उन्मुक्त चंद मुकाबले के शुरुआत से पहले ही नेट प्रैक्टिस के दौरान चोटिल हो गए थे लेकिन दिल्ली के इस युवा बल्लेबाज ने टूटे जबड़े के साथ ही मैदान पर उतरने की हिम्मत दिखाई और टीम के लिए शानदार शतक जड़कर सभी को हैरान कर दिया. इस शतक के साथ ही दिल्ली की टीम ने उत्तरप्रदेश की टीम को 55 रन से हरा दिया. उन्मुक्त चंद ने 116 रन की शानदार पारी खेली. जिसमें चौके के अलावा 3 सिक्सर भी लगाए.
कुंबले ने भी किया था कुछ ऐसा
आज से 16 साल पहले साल 2002 में भारत और वेस्टइंडीज के बीच मुकाबला था. जहां टेस्ट मैच के दौरान कुंबले के सिर में मर्वन ढिल्लन की बाउंसर लग गई थी. टीम इंडिया के दिग्गज खिलाड़ी के जबड़े से खून बहने लगा था,करीब 20 मिनट तक खून बंद ही नहीं हुआ था. चोट के बाद मैच के अगले दिन के खेल में अनिल कुंबले जबड़े और सिर पर पट्टी बांधकर मैदान में उतरे और 14 ओवर की गेंदबाजी की थी. जिसे आज भी याद किया जाता है और अब कुछ ऐसा ही कमाल दिल्ली के युवा खिलाड़ी उन्मुक्त चंद ने भी कर दिखाया है. उन्मुक्त के इस कारनामे ने अनिल कुंबले की यादों को एक बार फिर से ताजा कर दिया.