रायपुर. बाघों के संरक्षण के लिए दायर याचिका में अंतरिम आवेदन को निस्तारित करते हुए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी.बी.एन. राधाकृष्णन तथा न्यायमूर्ति शरद कुमार गुप्ता की युगलपीठ ने आदेश दिया है कि 60 कि.मी. लंबे चिल्पी-रेंगाखार-सालेवारा सड़क के चौड़ीकरण में आने वाले अभ्यारण क्षेत्र तथा रक्षित वन क्षेत्र से गुजरने वाली 27.5 कि.मी. क्षेत्र में सड़क चैड़ीकरण से संबंधित कोई भी गतिविधि नहीं की जाएगी. सिर्फ राजस्व क्षेत्र में ही सड़क चौड़ीकरण किया जा सकेगा.
गौरतलब है कि अगस्त में रायपुर निवासी याचिकाकर्ता नितिन सिंघवी ने चिल्पी-रेखागार-सालेवारा की 60 कि.मी. लंबी सड़क का चौड़ीकरण न किये जाने हेतु कोर्ट में अंतरिम आवेदन दिया था. आवेदन में उन्होंने बताया था कि जहां चौड़ीकरण करना प्रस्तावित है वहां सिंगल लेन सड़क पहले से ही अस्तित्व में है. सड़क चौड़ीकरण के दौरान वन क्षेत्र में 3263 पेड़ काटे जाएंगे तथा कुल 3918 पेड़ काटे जाएंगे. भोरमदेव अभ्यारण क्षेत्र से 14 कि.मी. रोड तथा रक्षित वन क्षेत्र से 13.50 कि.मी. सड़क चौड़ीकरण प्रस्तावित है. याचिका में कहा गया था कि भोरमदेव वन्य प्राणी अभ्यारण तथा रक्षित वनक्षेत्र बाघों का काॅरिडोर है जहां से बाघ कान्हा नेशनल पार्क से भोरमदेव अभ्यारण आना जाना करते हैं. सड़क चौड़ीकरण करने से वन्यप्राणियों की आवाजाही में तकलीफ होने के साथ उनके प्राकृतिक वास में भी दिक्कत होगी.
याचिका में बताया गया था कि अभ्यारण क्षेत्र से सिर्फ 3 गाड़ियां प्रतिदिन ही निकलती हैं. इतने कम ट्रैफिक के लिये सड़क चौड़ीकरण न करने की मांग की गई थी. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण तथा वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया ने अभ्यारण तथा वन क्षेत्र से गुजरने वाली प्रस्तावित सड़क के चौड़ीकरण को यह कहकर अनुमति नहीं दी थी कि अभ्यारण क्षेत्र कान्हा राष्ट्रीय पार्क तथा भोरमदेव अभ्यारण का टाईगर काॅरीडोर है. कोर्ट ने 22 अगस्त 2017 को पूरी सड़क के चौड़ीकरण के कार्य पर स्टे लगा दिया था.उल्लेखनीय है कि भोरमदेव अभ्यारण क्षेत्र का एरिया वर्तमान में 351 वर्ग किलोमीटर से बढ़ाकर इसे 624 वर्ग कि.मी. कर इसे टाईगर रिजर्व घोषित करना प्रस्तावित किया गया है.
वहीं हाईकोर्ट ने अचानकमार टाईगर रिजर्व के 621 मकानों व 19 गांवों जिनका विस्थापन किया जाना प्रस्तावित है उनके संबंध में दायर की गई आपत्ति पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से जवाब मांगा है.