इन्द्रपाल सिंह, इटारसी। इटारसी का डॉक्टर श्याम प्रसाद मुखर्जी अस्पताल ( Dr Shyam Prasad Mukherjee Hospital) रेफर सेंटर बनकर रह गया है। अस्पताल 6 साल से एमडी मेडिसिन की कमी से जूझ रह है। कोरोना संक्रमण को लेकर शुरुआती दौर से अति संवेदनशील होने के बाबजूद सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों एवं मेडिकल स्टाफ की भारी कमी बनी हुई है। आलम यह है कि यहां एमडी मेडिसिन और सर्जन तक नहीं है।

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एमडी मेडिसिन नहीं होने की वजह से गंभीर मरीजों को प्राथमिक इलाज देकर जिला अस्पताल या भोपाल रेफर करना पढ़ता है। अस्पताल में सारी सुविधाओं के बाबजूद अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गया है। करोड़ो की बिल्डिंग का निर्माण हो गया है लेकिन एमडी मेडिसिन नहीं होने के कारण जिले वासियों को बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है।

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साल 2016 में एमडी मेडिसिन डॉक्टर के रिटायरमेंट के बाद से नहीं हुई नियुक्ति 

इटारसी के डॉक्टर श्याम प्रसाद मुखर्जी शासकीय अस्पताल में साल 2016 में एमडी मेडिसिन डॉक्टर आरके गुप्ता और डॉक्टर आरपी टिकरिया के रिटायरमेंट के बाद से अस्पताल में एमडी मेडिसिन डॉक्टर की नियुक्ति नहीं हुई है। अस्पताल में एमडी मेडिसिन डॉक्टर नही होने से ह्रदय से सम्बंधित गभीर मरीजों को इलाज  के अभाव में इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। कभी कभी तो समय पर इलाज नहीं मिलने से मरीज को जान से हाथ धोना पढ़ता है। या फिर अस्पताल से गंभीर मरीज को जिला अस्पताल होशंगाबाद या भोपाल रेफर करना पढ़ता है।

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कई विभाग डॉक्टर की कमी से जूझ रहा 

अस्पताल में एमडी मेडिसिन और सर्जन नहीं होने को लेकर अस्पताल प्रबंधन ने कई बार पत्र के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्रालय से एमडी मेडिसिन डॉक्टरों को मांग की। बावजूद इसके डॉक्टर की पदस्थापना नहीं हो रही है। सरकारी अस्पताल में एमडी विशेषज्ञ, सर्जन, एक्सरे, नेत्र रोग, नाक-कान गला रोग विशेषज्ञ, पैथालॉजी इचार्ज सहित कई डॉक्टरों के पद रिक्त है। अस्पताल में मात्र दो महिला रोग विशेषज्ञों के होने से सीजर ऑपरेशन के वक्त बहुत मुश्किल होती है।

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