रायपुर. ऋग्वेद के अनुसार, मनुष्य चाहे कितना ही गुणी या सफल क्यों न हो, उसे अपना गुणगान खुद नहीं करना चाहिए. वास्तविक प्रशंसा वहीं होती है, जो की मनुष्य की गैरमौजूदगी में की जाती है. जीवन में मान-सम्मान का बहुत महत्व है. यह भी कहा जाता है कि जिस व्यक्ति का घर-परिवार, समाज आदि में कोई मान-सम्मान नहीं होता उसे जीते-जी मरे हुए के समान समझना चाहिए. इसके विपरीत कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें उनके बुरे कामों के कारण जीवन में कभी न कभी अपयश यानी अपमान का सामना करना पड़ता है.

गरुड़ पुराण में कुछ ऐसे कामों के बारे में बताया भी गया है, जिसके कारण व्यक्ति को अपमानित होना पड़ता है. गुरु ग्रह सौभाग्य, शुभ कार्य और समृद्धि तथा सम्मान बना देता है. नवग्रहों में यह ग्रह सबसे अच्छा माना जाता है और इसपर खासा ध्यान रखा जाता है. ज्योतिष के बनाये हुए शास्त्रों में गुरु ग्रह से जुड़े दोषों के निवारण के लिए बहुत से उपाय लिखे गए हैं.

इनमें से सबसे कारगर और अच्छा तरीका है, आप नहाते वक्त निम्नलिखित सामान को नहाने के पानी में मिला दें, मीठा गुड़, सोने की बनी हुई कोई वस्तु, चीनी, शहद, हल्दी, मुलेठी, नमक, पीले फूल और सरसों के दाने, बाजरा खरीद लें, एक किलो या आधा किलो, फिर उसे घर लाकर कहीं सूखे स्थान पर रख लें. हर रोज सुबह आप बाजरा कबूतरों और अन्य पक्षियों को खिलाएं, आप पाएंगे की आपका सम्मान आपके समाज में बढ़ता जा रहा है और आप एक अच्छे व्यक्ति की तरह जाने जा रहे है.

  • रोजाना तांबे के बर्तन से पानी पिएं.
  • दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली में सोने या पीतल का छल्ला पहनें. रोज सुबह और शाम को बृहस्पति के मन्त्र का जाप करें.
  • मंत्र होगा- ॐ बृं बृहस्पतये नमः
  • एकादशी का उपवास रखें.
  • गुरुवार को व्रत करें. पीले वस्त्र पहनें.
  • ॐ बृं बृहस्पते नम: का जाप न्यूनतम 108 बार जरूर करें. यह गुरु मंत्र है.
  • गुरुवार के दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं और फिर विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं. विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें.
  • गुरुवार के दिन शाम के समय केले के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं. साथ ही लड्डू या बेसन की मिठाई चढ़ाएं.
  • इस दिन नमक का सेवन न करें. पीले रंग का पकवान जैसे बेसन के लड्डू, आम आदि जरुर खाएं.