चेन्नई। तमिलनाडु पुलिस ने बुधवार को मदुरै में लोगों के एक समूह से बरामद सात मूर्तियों के स्रोत की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। पुलिस के आइडल चोरी दस्ते ने पहले ही भाजपा अल्पसंख्यक विंग के नेता टी. अलेक्जेंडर, अरुप्पुकोट्टई के जोकिलपट्टी पुलिस स्टेशन के हेड कांस्टेबल इलानकुमारन (44) और डिंडीगुल से सशस्त्र रिजर्व पुलिस के कांस्टेबल नागेंद्रन (38) को गिरफ्तार कर लिया है।
एक अन्य व्यक्ति, विरुधुनगर के कूराइकुंडु के पी. करुप्पुसामी (36) को भी गिरफ्तार किया गया। हालांकि, दो अन्य व्यक्ति, रामनाथपुरम के राजेश और विरुधुनगर के गणेशन फरार हैं।
मूर्ति चोरी दस्ते ने गुप्त सूचना मिलने पर सिकंदर को पकड़ लिया, जिसके पास से मूर्तियां बरामद हुई हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि यह पता लगाया जाना है कि मूर्ति पंचलोहा है या नहीं।
सिकंदर से बरामद की गई सात मूर्तियों में, नटराजर (2 फीट), नटराजर (1.25 फीट), नागकन्नी (1.5 फीट), काली (1 फीट), मुरुगन (0.75 फीट), विनयगर (0.5 फीट) और नागदेवथाई (0.5 फीट) शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, मूर्तियां रामनाथपुरम के कुरीसथानर अय्यनार मंदिर में एक जलाशय से बरामद की गईं।
सिकंदर ने पूछताछ पर जांच अधिकारियों को बताया कि मूर्तियां उसे इलानकुमारन और करुप्पासामी ने दी थीं। दोनों ने मामले में नागेंद्रन और गणेशन की भूमिका की जानकारी दी।
मूर्ति चोरी दस्ते के अधिकारियों ने कहा कि चारों ने कुछ साल पहले तस्करों के एक समूह को यह कहते हुए धमकी दी थी कि वे मूर्ति चोरी दस्ते से हैं और सात मूर्तियों को अपने कब्जे में ले लिया जिन्हें बाद में जलाशय में छुपा दिया गया था।
पुलिस ने बताया कि ये चारों मूर्ति को पांच करोड़ रुपए में बेचने की कोशिश कर रहे थे, तभी मूर्ति चोरी दस्ते को गुप्त सूचना मिली और चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मूर्ति चोरी दस्ते के अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि इन तस्करों को मूर्तियां कहां से मिली थीं और क्या ये मूर्तियां कुछ मंदिरों से चुराई गई थीं।
मूर्ति चोरी दस्ते के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, हमने पहले ही चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और गिरोह में दो और लोगों की पहचान कर ली है, जिन्होंने रामनाथपुरम में एक जलाशय में मूर्तियों को छुपाया था।